कर्नाटक से शुरू हुए बुर्का विवाद को लेकर पूरे देश में बहस और हंगामा जारी है। विवाद पर लोग कई तरह की प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं। अब इस मामले में पाकिस्तान की सामाजिक कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई के साथ ही कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने भी ट्वीट किया है। मलाला ने जहाँ स्कूलों में लड़कियों को हिजाब पहनकर प्रवेश देने से रोकने को भयावह बताया तो वहीं प्रियंका गाँधी का कहना है कि महिलाओं को अपने हिसाब से कपड़े पहनने का हक है।
“College is forcing us to choose between studies and the hijab”.
— Malala (@Malala) February 8, 2022
Refusing to let girls go to school in their hijabs is horrifying. Objectification of women persists — for wearing less or more. Indian leaders must stop the marginalisation of Muslim women. https://t.co/UGfuLWAR8I
मामले पर टिप्पणी करते हुए मलाला यूसुफजई ने ट्वीट किया, “हिजाब पहनी हुई लड़कियों को स्कूलों में एंट्री देने से रोकना भयावह है। कम या ज्यादा कपड़े पहनने के लिए महिलाओं का वस्तुकरण (Objectification) किया जा रहा है। भारतीय नेताओं को मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकना चाहिए।”
Whether it is a bikini, a ghoonghat, a pair of jeans or a hijab, it is a woman’s right to decide what she wants to wear.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 9, 2022
This right is GUARANTEED by the Indian constitution. Stop harassing women. #ladkihoonladsaktihoon
वहीं प्रियंका गाँधी ने लिखा, “चाहे वह बिकिनी हो, घूँघट हो या फिर जींस या फिर हिजाब. यह महिला को तय करना है कि उसे क्या पहनना है। यह हक उनको भारत के संविधान ने दिया है। महिलाओं को प्रताड़ित करना बंद करो।” ट्वीट के अंत में प्रियंका ने अपने कैंपेन का हैशटैग ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ भी लगाया है।
हालाँकि प्रियंका गाँधी के ट्वीट पर लोगों ने काफी तीखे कमेंट्स किए और सवाल भी पूछे। एक यूजर ने लिखा, “यार तुम पप्पू पिंकी ने मन बना लिया है कॉन्ग्रेस को और गर्त में डालने का, भारत में ऐसा कोई स्कूल नहीं है जहाँ बिकनी पहन के बच्चे स्कूल जाते हैं, हाँ अगर आपके बच्चे अगर इटली मे पढ़े हों बिकनी मे तो ये अलग बात है।”
यार तुम पप्पु पिंकी ने मन बना लिया है कांग्रेस को और गर्त में डालने का, भारत में ऐसा कोई स्कूल नहीं है जहां बिकनी पहन के बच्चे स्कूल जाते हैं, हाँ अगर आपके बच्चे अगर इटली मे पढ़े हों बिकनी मे तो ये अलग बात है..
— Amit (@IAmAmit44446405) February 9, 2022
सुनील यादव ने लिखा, “मुझे नहीं लगता आप स्कूल गई या नहीं (हो सकता है स्कूल आपके लिए घर आई हो) तो आपकों स्कूल युनिफार्म या स्कूल नियमों के बारे मे पता हो की स्कूल कैसे जाना होता है।”
मुझे नहीं लगता आप स्कूल गई या नहीं (हो सकता है स्कूल आपके लिए घर आई हो) तो आपकों स्कूल युनिफार्म या स्कूल नियमों के बारे मे पता हो की स्कूल कैसे जाना होता है
— Sunil Yadav (@Syadav11590) February 9, 2022
एक यूजर ने तर्क दिया-संविधान स्कूल/कॉलेज को ड्रेस कोड जारी करने का अधिकार भी देता है जिसका पालन करना हर विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है। चाहे बिकिनी पहनो या हिजाब लेकिन हर वस्त्र पहनने की एक जगह होती है। स्कूल में ड्रेस कोड मानना ही होगा।
एक यूजर ने तर्क दिया कि संविधान स्कूल/कॉलेज को ड्रेस कोड जारी करने का अधिकार भी देता है जिसका पालन करना हर विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है। चाहे बिकनी पहनो या हिजाब लेकिन हर वस्त्र पहनने की एक जगह होती है। स्कूल में ड्रेस कोड मानना ही होगा।
वाह दीदी, घूंघट और हिजाब में सोच का इतना फर्क क्यों pic.twitter.com/qyTZrB4fZt
— सुयश सिंह (@suyashsinghUP47) February 9, 2022
वहीं एक यूजर ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 2019 के एक बयान का जिक्र किया। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि समाज को एक महिला तो घूँघट में कैद करने का अधिकार नहीं है, नारी को घूँघट में कैद नहीं कर सकते। सुयश कुमार ने इसे शेयर करते हुए लिखा, “वाह दीदी, घूँघट और हिजाब में सोच का इतना फर्क क्यों।”
इससे पहले राहुल गाँधी ने इसी मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा था, “हिजाब को शिक्षा के रास्ते में लाकर भारत की बेटियों का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है।” राहुल गाँधी ने भाजपा पर तंज कंसते हुए कहा था, “माँ शारदा सभी को बुद्धि दें।”
By letting students’ hijab come in the way of their education, we are robbing the future of the daughters of India.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 5, 2022
Ma Saraswati gives knowledge to all. She doesn’t differentiate. #SaraswatiPuja
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक के उडुपी में स्थित पीयू कॉलेज से शुरू हुए पूरे विवाद ने अब राज्य को जगह-जगह सुर्खियों में ला दिया है। इस मसले पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। वहीं सीएम बोम्मई ने कहा, “मैं सभी स्कूल-कॉलेजों के छात्रों, शिक्षकों और प्रबंधन के साथ-साथ कर्नाटक की जनता से आग्रह करता हूँ कि राज्य में शांति और सामंजस्य बनाए रखें। मैंने अगले 3 दिनों के लिए सभी कॉलेजों और हाई स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है।”
नोट: भले ही इस विरोध प्रदर्शन को ‘हिजाब’ के नाम पर किया जा रहा हो, लेकिन मुस्लिम छात्राओं को बुर्का में शैक्षणिक संस्थानों में घुसते हुए और प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इससे साफ़ है कि ये सिर्फ गले और सिर को ढँकने वाले हिजाब नहीं, बल्कि पूरे शरीर में पहने जाने वाले बुर्का को लेकर है। हिजाब सिर ढँकने के लिए होता है, जबकि बुर्का सर से लेकर पाँव। कई इस्लामी मुल्कों में शरिया के हिसाब से बुर्का अनिवार्य है। कर्नाटक में चल रहे प्रदर्शन को मीडिया/एक्टिविस्ट्स भले इसे हिजाब से जोड़ें, ये बुर्का के लिए हो रहा है।