करीब पूरा का पूरा POK और अक्साई चीन बना लद्दाख का हिस्सा: भारत के नक़्शे में बड़ा बदलाव

नए यूटी जम्मू कश्मीर और लद्दाख का नया नक्शा जारी कर दिया गया है

दोनों नए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर का लद्दाख का नया नक्शा जारी कर दिया है। इसके साथ ही भारत के राजनीतिक नक़्शे में नया बदलाव हुआ है। सरदार पटेल के जन्मदिन के अवसर पर देश को दो नए केंद्र शासित प्रदेश मिले। मोदी सरकार ने अगस्त के पहले हफ्ते में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करते हुए जम्मू कश्मीर का विशेषाधिकार वापस ले लिया था, जिसके बाद राज्य के पुनर्गठन का रास्ता साफ़ हुआ। जम्मू कश्मीर के अधिकतर नेताओं को हिरासत में रखा गया है क्योंकि वो लोगों को भड़का कर अशांति फैला सकते थे। लद्दाख और जम्मू कश्मीर के लिए नए उपराज्यपाल भी नियुक्त कर दिए गए हैं।

वहीं अगर नए नक़्शे की बात करें तो पाक अधिकृत कश्मीर पूरा का पूरा लद्दाख का हिस्सा बनाया गया है। अर्थात, अगर भारत इसे पाकिस्तान के अवैध कब्जे से निकालता है तो ये लद्दाख का हिस्सा बनेगा और केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत होगा। इससे फायदा ये होगा कि कश्मीर के नेता इसमें कोई मोलभाव नहीं कर सकेंगे और पीओके को लेकर हर तरह की बातचीत करने और फ़ैसला लेने का अधिकार पूर्णतः भारत सरकार के ही पास रहेगा। इसी तरह चीन के अवैध कब्जे वाले इलाक़े अक्साई चीन को भी लद्दाख का ही हिस्सा बनाया गया है।

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लद्दाख को बिना विधायिका वाला यूटी बनाया गया है, जबकि जम्मू कश्मीर में विधायिका होगी। इसका मतलब पीओके की भी कोई विधायिका नहीं होगी और ये क्षेत्र भी बिना विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा होगा। अगर भविष्य में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा फिर से दे दिया जाता है, तो भी इसका क्षेत्रफल छोटा ही रहेगा क्योंकि अब इसके अंतर्गत लद्दाख नहीं आएगा। गिलगित-बाल्टिस्तान के यूटी में होने के कारण चीन के ‘बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट’ को लेकर भी केंद्र सरकार बिना कश्मीरी नेताओं के हस्तक्षेप के फ़ैसले ले सकेगी।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में कहा था कि पीओके के लिए जान भी दे देंगे। इसके बाद से लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत सरकार पीओके और अक्साई चीन को अवैध कब्जों से छुड़ाने के लिए प्रयासरत हैं। जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो नए केंद्र शाषित प्रदेश बनने से आतंकवाद पर भी लगाम लगने की उम्मीद है क्योंकि पुलिस केंद्र सरकार के अधीन होगी और उस पर किसी प्रकार के हस्तक्षेप का दबाव नहीं होगा। अब देश में अब 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया