इंडी गठबंधन छोड़ NDA में शामिल हुई जयंत चौधरी की RLD, बदल गई पश्चिमी यूपी की राजनीति: बोले – सबसे बात कर के लिया फैसला

आरएलडी के अध्यक्ष जयंत चौधरी (फोटो साभार : जागरण)

राष्ट्रीय लोक दल ने आधिकारिक तौर पर समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन को छोड़ने का ऐलान कर दिया है, साथ ही तुरंत प्रभाव से आरएलडी ने एनडीए का हिस्सा बनना भी स्वीकार कर लिया है। इस बात की घोषणा आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने की। इस बीच, मीडिया ने जब सवाल पूछा कि आरएलडी विधायकों की नाराजगी की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस बात के जवाब में उन्होंने कहा कि आरएलडी ने ये फैसला सभी से बातचीत के बाद लिया है।

राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सोमवार (12 फरवरी 2024) को ऐलान किया कि आरएलडी ने एनडीए के साथ जाने का फैसला लिया है। चौधरी ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों से चर्चा के बाद ये फैसला लिया गया है। हमारे सभी विधायक और कार्यकर्ता हमारे साथ हैं। जयंत चौधरी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देकर मोदी सरकार ने देश के सभी नागरिकों का, किसानों का सम्मान किया है।

जयंत चौधरी ने कहा कि हम देश के लिए, अपने लोगों के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं। ऐसे में हमने एनडीए के साथ जाने का फैसला लिया। आरएलडी के मुखिया ने कहा कि इस फैसले को बहुत कम समय में लिया गया है। किसी तरह की पहले से कोई प्लानिंग नहीं थी।

बता दें कि संसद के बजट सत्र के आखिरी दिन चौधरी जयंत सिंह सत्तापक्ष की तरफ जाकर बैठे थे। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार चौधरी चरण सिंह जी की सरकार की तरह काम करती है। आरएलडी सांसद जयंत चौधरी ने कहा, “मैं 10 साल तक विपक्ष में रहा हूँ, कुछ समय के लिए इस सदन के इस तरफ बैठा हूँ, मौजूदा सरकार की कार्यशैली में भी चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक मिलती है। पीएम मोदी गाँव में शौचालयों के मुद्दों को संबोधित करते हैं, जब भारत सरकार महिला सशक्तिकरण को अपना मंच बनाती है और गाँवों में जागरूकता पैदा करती है, तो मुझे इसमें चौधरी चरण सिंह जी का उद्धरण याद आता है।”

आरएलडी सांसद जयंत चौधरी ने कहा, “मेरा मानना ​​है कि पीएम मोदी और भारत सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया है, इससे दो बड़े काम हुए हैं, एक तो यह कि हम चौधरी चरण सिंह की विरासत को फिर से स्थापित कर रहे हैं…मेरा मानना ​​है कि यह सिर्फ एक पुरस्कार नहीं, सबसे बड़ा सम्मान है। एक जमीनी सरकार, जो जमीन की आवाज को समझती है और उसे ऊपर उठाना चाहती है, ऐसी सरकार ही धरती पुत्र चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दे सकती है।”

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जब पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न की घोषणा की थी, तब जयंत चौधरी ने मीडिया से कहा था कि वो अब किसी मुँह से बीजेपी के साथ जाने से मना करेंगे। इसके बाद से ये कयास लगने लगे थे कि वो अब एनडीए का हिस्सा बनने वाले हैं। वहीं, आजतक ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जयंत चौधरी समाजवादी पार्टी की तरफ से सीट बँटवारे को लेकर खुश नहीं थे। सपा ने उनसे कहा था कि सीट भले ही उनके नाम की होगी, यानी चुनाव चिन्ह रालोद का होगा, लेकिन प्रत्याशी समाजवादी पार्टी के होंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया