HR प्रोफेशनल से ममता बनर्जी के सबसे करीबी तक: TMC के ताकतवर मंत्रियों में से एक पार्थ चटर्जी की कहानी, करीबी महिला के घर मिला ₹20 करोड़ नकद

TMC के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के मुताबिक उनसे उनसे बरामद पैसों से पार्टी में सब वाकिफ थे (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) के लिए बुरा समय है। उनकी सरकार में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को शिक्षा भर्ती घोटाले (Recruitment Scam) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार (23 जुलाई 2022) को गिरफ्तार कर लिया।

पार्थ चटर्जी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी हैं और उन्हें राज्य के ताकतवर मंत्रियों में शामिल किया जाता है। जब घोटाला हुआ था, उस समय पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। वह साल 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे। इस समय पार्थ चटर्जी के पास वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अलावा संसदीय कार्य विभाग का प्रभार भी है।

सरकार के साथ-साथ पार्थ चटर्जी की संगठन में भी बड़ा पद है। इससे उनके कद का पता चलता है। चटर्जी पश्चिम बंगाल तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) के महासचिव हैं। उन्होंने साल 2001 में अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की थी। वह TMC के टिकट पर बेहाला पश्चिम सीट से जीतकर विधानसभा पहुँचे थे।

साल 2011 में TMC के बंगाल में सत्ता में आने से पहले वह साल 2006 से 2011 तक विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे। उस समय बंगाल में वामपंथी दल की सरकार थी और पार्थ चटर्जी दूसरी बार विधानसभा के लिए चुनकर आए थे।

पार्थ चटर्जी का जन्म 6 अक्टूबर 1952 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नरेंद्रपुर के रामकृष्ण मिशन स्कूल से प्राप्त की। आशुतोष कॉलेज से उन्होंने अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय से MBA किया।

इसके बाद वर्षीय 70 पार्थ चटर्जी ने एंड्र्यू युले कंपनी में HR प्रोफेशनल के तौर पर नौकरी की। साल 2001 में बेहाला पश्चिम सीट राजनीतिक करियर शुरू करने के बाद पार्थ चटर्जी TMC की टिकट पर कोलकाता दक्षिण सीट से 2006, 2011, 2016 और 2021 में लगातार पाँच बार विधायक चुने गए।

वह कोलकाता के प्रसिद्ध और बड़े दुर्गा पूजा समितियों में से एक नकटला उदयन दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष भी हैं। इस समिति के पोस्टर में उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की तस्वीर सामने आ चुकी है।

बता दें कि पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार करने के बाद मेडिकल के लिए ले जाया गया। सुबह के वक्त पार्थ चटर्जी ने स्वास्थ्य खराब होने की बात कही थी। इसके बाद दो डॉक्टरों की टीम भी मौके पर पहुँची थी। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर भर्ती घोटाले के आरोपित मंत्री पार्थ चटर्जी के घर पर अधिकारियों की टीम पहुँची थी। 

22 जुलाई को ED की टीम ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापेमारी की थी। इस दौरान उनके घर से 20 करोड़ रुपए नकद के साथ-साथ 20 कीमती मोबाइल फोन, सोना, विदेशी मुद्रा, जमीन के दस्तावेज बरामद बरामद हुए हैं। माना जा रहा है कि यह वही रकम है, जो शिक्षक भर्ती घोटाले में रिश्वत के रूप में ली गई थी।

बता दें कि साल 2020 में शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने कहा था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ लगातार सरकार के खिलाफ बोलते हैं, इसलिए उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में नहीं भी बुलाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालय एक स्वायत्त संस्था है और उसे अपना निर्णय लेने का अधिकार है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया