भारत का अगला राष्ट्रपति किसका? NDA को करना होगा 9194 वोटों का जुगाड़, BJD-YSR के साथ आने के आसार; ममता को लेफ्ट का झटका

राष्ट्रपति चुनाव के NDA-UPA में से किसका पलड़ा है भारी

चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के तारीख की घोषणा कर दी। 18 जुलाई को मतदान होना है और 21 जुलाई को हमें देश का अगला राष्ट्रपति मिल जाएगा। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल आगामी 25 जुलाई को समाप्त हो रहा है। इससे पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। राष्ट्रपति के चुनाव में लोकसभा के सांसद, राज्यसभा सदस्य और विधायक अपना मत डालते हैं, लेकिन विधान परिषद के सदस्य और किसी सदन के नामित सदस्यों को वोट करने का अधिकार नहीं है।

भारत में राष्ट्रपति चुनाव की वर्तमान व्यवस्था 1974 से चली आ रही है और यह 2026 तक लागू रहेगी। इसमें 1971 की जनसंख्या को आधार माना गया है।

किसके पास कितने वोट?

चुनाव के कुल वोटरों की संख्या 4809 है। इसमें लोकसभा के सांसद और सभी राज्यों के विधानसभा के विधायक शामिल हैं। राष्ट्रपति चुने जाने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 50 फीसदी वोट चाहिए। एनडीए के पक्ष में 440 सांसद हैं जबकि यूपीए के पास लगभग 180 सांसद हैं। एनडीए के पास तकरीबन 5,35,000 वोट हैं। इसमें उसके सहयोगियों के साथ उसके सांसदों के समर्थन से 3,08,000 वोट शामिल हैं। 

राज्यों में बीजेपी के पास उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 56,784 वोट हैं, जहाँ उसके 273 विधायक हैं। उत्तर प्रदेश में प्रत्येक विधायक के पास अधिकतम 208 वोट हैं। राज्यों में एनडीए को बिहार में अपना दूसरा सबसे ज्यादा वोट मिलेगा, जहाँ 127 विधायकों के साथ, उसे 21,971 वोट मिलेंगे, क्योंकि प्रत्येक विधायक के पास 173 वोट हैं। इसके बाद महाराष्ट्र से 18,375 वोट हैं, जहाँ उसके 105 विधायक हैं और प्रत्येक के पास 175 वोट हैं।

वर्ष 2017 के राष्ट्रपति चुनाव के मुकाबले देखा जाए तो भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उसके सहयोगियों के विधायकों में संख्या में कमी आई है लेकिन उसके सांसदों की संख्या में वृद्धि जरूर हुई है। भाजपा के पास 465,797 वोट हैं और उसके गठबंधन सहयोगी के पास 71,329 वोट हैं। यानी कुल मिलाकर 5,37,126 वोट है। NDA को जीत के लिए 9194 और वोटों की जरूरत है।

बहुमत का आँकड़ा आसानी से पार करने के लिए भाजपा की BJD और YSR कॉन्ग्रेस से बातचीत अंतिम दौर में है। दोनों ने ही 2017 के राष्‍ट्रपति चुनाव में बीजेपी का साथ देते हुए राम नाथ कोविंद के लिए वोट किया था। बीजेपी को एक बार फिर इन दोनों से अपने उम्‍मीदवार को समर्थन की उम्‍मीद है। अगर YSR कॉन्ग्रेस या BJD का समर्थन मिल जाता है तो एनडीए उम्‍मीदवार की जीत का रास्‍ता साफ हो जाएगा।

सबसे ज्यादा वोट मिलने पर भी जीत जरूरी नहीं

सामान्य तौर पर चुनाव में जो उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट पाता है वह अपनी सीट पर विजेता घोषित कर दिया जाता है, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में हार या जीत वोटों की संख्या से नहीं बल्कि वोटों की वैल्यू से तय होती है। राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार को सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल मूल्य का आधा से ज्यादा हिस्सा हासिल करना होता है। इस समय राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल या इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों के वोटों का वेटेज 10,98,903 है। किसी प्रत्याशी को राष्ट्रपति पद के लिए जीत हासिल करने के लिए वोटों के कम से कम 5,46,320 वोटों की जरूरत होगी। यह संख्या हासिल करने वाले प्रत्याशी देश के राष्ट्रपति चुने जाते हैं। 

शरद पवार को विपक्ष का उम्मीदवार बना सकती है कॉन्ग्रेस

इस बीच, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कुछ विपक्ष के नेताओं से संपर्क किया है। राष्ट्रपति चुनाव में बहुमत का आँकड़ा नहीं होने के बावजूद कॉन्ग्रेस ने विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार को खड़ा कर सकती है। सोनिया गाँधी ने कभी उनकी नागरिकता के मुद्दे पर पार्टी छोड़ने वाले राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार के साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी एवं तृणमूल कॉन्ग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से फोन पर बात की।

माना जाता है कि गाँधी ने इन विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत में राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की एकजुटता दिखाने की जरूरत पर बल दिया। बताया जा रहा है कि सोनिया गाँधी शरद पवार को संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार बना सकती है। हालाँकि एनसीपी या शरद पवार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

विपक्ष को लामबंद करने में जुटी ममता बनर्जी

बता दें कि ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में 15 जून को विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है। उन्होंने इसमें गैर एनडीए दलों और विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया है। यह कॉन्फ्रेंस कांस्टीट्यूशन क्लब में होगी। जिन प्रमुख नेताओं को इसमें बुलाया गया है इसमें कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, उद्धव ठाकरे सहित विपक्ष के 22 नेताओं के नाम शामिल हैं।

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए अधिसूचना 15 जून को जारी की जाएगी। नामांकन की अंतिम तिथि 29 जून और नामांकन पत्रों की जाँच 30 जून को निर्धारित की गई है। उम्मीदवार अपना नामांकन दो जुलाई तक वापस ले सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया