मुस्लिम कोटा पर शिवसेना ने सुर बदले, BJP नेता ने कहा- कॉन्ग्रेस-एनसीपी ने साथ छोड़ा तो उद्धव को हम देंगे समर्थन

उद्धव ने मुस्लिम कोटे के मसले पर लगाया विराम ( फाइल फोटो)

महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण के मसले पर सत्ताधारी महाविकास अघाड़ी के साझेदारों के बीच मतभेद बढ़ते दिख रहे हैं। राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने सदन में कहा था कि 5% मुस्लिम आरक्षण के लिए सरकार कानून लाएगी। कॉन्ग्रेस भी इसका श्रेय लेना चाहती है। लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह कहकर कि सरकार के सामने अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है, इस मुद्दे की हवा निकाल दी है। इस संकट को देखते हुए बीजेपी ने भी खुद के लिए संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में पार्टी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा है कि यदि इस मुद्दे पर शिवसेना का कॉन्ग्रेस और एनसीपी साथ छोड़ती है तो उनकी पार्टी उद्धव का समर्थन करेगी।

https://twitter.com/ANI/status/1234918998623449088?ref_src=twsrc%5Etfw

उद्धव ने बताया कि मुस्लिमों को पॉंच फीसदी कोटा का मसला अभी तक आधिकारिक रूप से उनके सामने नहीं आया है। इस संबंध में पार्टी ने आखिरी फैसला नहीं लिया है। इसके बाद मुनगंटीवार ने कहा, “मुझे लगता है कि उद्धव ठाकरे ने सही रुख अपनाया है। शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन विचारों पर आधारित था। उन्हें कॉन्ग्रेस और एनसीपी के दबाव की चिंता नहीं करनी चाहिए। यदि वे सरकार से निकल जाते हैं तो इस मुद्दे पर हम सरकार का साथ देंगे।” देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली पिछली बीजेपी-शिवसेना सरकार में मुनगंटीवार वित्त मंत्री थे।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, “संविधान धर्म आधारित आरक्षण की पैरवी नहीं करता। सिखों और ईसाइयों की क्या गलती है? जब केंद्र सरकार ने आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था कर दी है तो क्या उसमें ईसाई और मुस्लिम शामिल नहीं होते।”

गौरतलब है कि एक तरफ उद्धव मुस्लिम कोटे को लेकर किसी प्रस्ताव से इनकार करते हैं, वहीं उनकी सरकार में शामिल कॉन्ग्रेस और एनसीपी के बीच इसका श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है। महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक विकास मंत्रालय एनसीपी के पास है। इस महकमे के मंत्री नवाब मलिक ने पिछले सप्ताह मुस्लिमों को आरक्षण देने की घोषणा की थी। मुस्लिम वोटबैंक पर होती एनसीपी की सेंधमारी से आशंकित प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और राजस्व मंत्री बालासाहब थोराट ने मंगलवार को यह कहकर इसका श्रेय लेने का प्रयास किया कि मुस्लिमों को आरक्षण का विचार मूल रूप से कॉन्ग्रेस का है। शिवसेना ऐसे किसी पहल से दूरी बनाकर रखना चाहती है। इससे उसे अपने कोर वोट बैंक के छिटकने का खतरा है। साथ ही मुस्लिम तुष्टिकरण को लेकर बीजेपी उसे घेर सकती है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया