उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में पिछले कई महीनों में हिंसा चलती रही। हाल ही में एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें 2 महिलाओं को नग्न कर भीड़ ने उनका जुलूस निकाला। महिलाओं का गैंगरेप भी हुआ। घटना के ढाई महीने बाद वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आई और आरोपितों की गिरफ़्तारी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया और सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए एक्शन लेने को कहा। संसद सत्र का पहला दिन इसी की भेंट चढ़ गया।
अब भाजपा विधायक पावोलिएँलाल हाओकिप ने अपनी ही सरकार को घेरा है। बता दें कि मणिपुर में भाजपा की सरकार है और N बीरेन सिंह मुख्यमंत्री हैं। भाजपा विधायक ने ‘इंडिया टुडे’ में एक ओपिनियन में लिखा है कि 3 मई को शुरू हुई हिंसा की इन घटनाओं को टाला जा सकता था। उन्होंने लिखा है कि भारत के अन्य हिस्सों के उलट कुछ खास ताकतों के कारण इस हिंसा को नियंत्रित करने में समय लगा। इतना ही नहीं, उन्होंने राज्य सरकार पर हिंसा में साँठगाँठ के आरोप मढ़ दिए।
बता दें कि मणिपुर में हिंसा मुख्यतः मैतेई और कुकी समुदायों के बीच हुई। जहाँ मैतेई समाज में अधिकतर हिन्दू हैं, कुकी अधिकतर ईसाई हैं। मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य के मूलनिवासी और बहुसंख्यक मैतेई समाज को ST का दर्जा देने का प्रस्ताव भेजने का आदेश राज्य सरकार को दिया, जिसके बाद हिंसा शुरू हुई। अब भाजपा विधायक पावोलिएँलाल हाओकिप का कहना है कि एक सामुदायिक-सांप्रदायिक हिंसा को मुख्यमंत्री ने ‘अवैध ड्रग्स वाले आतंकियों के खिलाफ युद्ध’ करार दिया, जिससे हिंसा को बढ़ावा मिला।
उन्होंने अपने लेख में लिखा है, “CM ने ड्रग्स आतंकियों के खिलाफ युद्ध की बात कही। इस नैरेटिव के माध्यम से इम्फाल घाटी के आसपास के इलाकों में बसे कुकी लोगों पर हमले और उनकी बस्तियों को जलाने वाले कट्टरपंथी मैतेई उग्रवादियों को पुलिस की मदद को सही ठहराने की कोशिश की गई। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका पर मैतेई समाज का नियंत्रण है और उसी कारण राज्य के अधिकतर संसाधन उनके पास हैं। विधानसभा की हिल एरियाज कमिटी के पर क़तर दिए गए।”
इस लेख में उन्होंने ये दावा भी किया है कि राज्य की विधानसभा सीटों के पुनर्गठन वाली रिपोर्ट को किनारे रख दिया गया, क्योंकि इसमें पहाड़ी क्षेत्रों को ज़्यादा सीटें देने का प्रस्ताव था। चुराचांदपुर के साइकोट से विधायक ST समुदाय के पावोलिएँलाल हाओकिप ने लिखा है कि सरकारी नौकरियों में ट्राइबल्स की भर्ती में कटौती की गई और उनके अधिकारों को दबाया गया। उन्होंने ये भी लिखा है कि कुकी अपनी मुक्ति के लिए ये लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि ‘मैतेई उग्रवादी’ कुकी की जमीनों पर कब्ज़ा करना चाहते हैं।
Manipur Women Video, Manipur Violence Latest: "Proof Of State Complicity": Manipur BJP MLA Paolienlal Haokip Claims Ethnic Violence Was 'Avoidable' (Among the Kuki MLA) https://t.co/N45ZeFPtFo
— Navroop Singh (@TheNavroopSingh) July 23, 2023
उन्होंने खुल कर मणिपुर के CM एन बीरेन सिंह पर ‘मैतेई उम्रवादियों’ से साँठगाँठ का आरोप लगा दिया और राज्य सरकार को पक्षपाती करार दिया। उन्होंने मैतेई लोगों पर कुकी के नरसंहार का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब शादी न चले तो अलग हो जाना ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि कुकी भारतीय नागरिक बन कर शांति से रहें, ये नहीं कि अपने पड़ोसी समुदाय के ‘गौरव और लालच’ का कैदी बन कर रहें।