मणिपुर में कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार अंगोमचा बिमोल अकोइजम ने जारी किया व्यक्तिगत घोषणा पत्र, राज्य में NRC लागू करने की कही बात: JNU के हैं प्रोफेसर

कॉन्ग्रेस उम्मीदवार अंगोचमा बिमोल अकोइजम (साभार: इंडिया टुडे NE)

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए लगभग हर दल ने अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। हालाँकि, इस मामले में कॉन्ग्रेस थोड़ी अलग निकली है। मणिपुर में कॉन्ग्रेस पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार अंगोमचा बिमोल अकोइजम ने अपना व्यक्तिगत घोषणा पत्र जारी किया है। दिलचस्प बात ये है कि जिस मुद्दे का कॉन्ग्रेस पार्टी चुप्पी साधे रहती है, उसका अकोइजम ने समर्थन किया है।

दरअसल, बिमोल अकोइजम दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के प्रोफेसर हैं। कॉन्ग्रेस ने उन्हें इनर मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। अकोइजम ने अपने ‘व्यक्तिगत घोषणा पत्र’ में राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लागू करने का वादा किया गया है। उनके घोषणा पत्र में 13 एजेंडे शामिल हैं, जिन्हें वह सांसद चुने जाने पर लागू करने का आश्वासन दिया है।

चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कहा, “चुनाव लड़ने का मेरा निर्णय एक सही निर्णय है, क्योंकि मैं व्यवस्था को बदलना और साफ़ करना चाहता था और गंदी राजनीति से परे जाना चाहता था। जो लोग राज्य में अराजकता कायम रखना चाहते हैं, वे चुनावी परिदृश्य में मेरी उपस्थिति से बहुत परेशान हैं। यही एक कारण है कि मेरा अभियान बाधित हुआ है और मैं एकमात्र उम्मीदवार हूँ जिसे निशाना बनाया गया है।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरी बैठक की अनुमति अधिकारी द्वारा रद्द कर दी गई है। कुछ लोग मुझे चुनाव से हटने के लिए मजबूर कर रहे हैं और मेरी आवाज को दबाने का ठोस प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद, लोगों की इच्छा की जीत होगी। इसके लिए उन्हें अंतिम निर्णय लेना होगा।”

अपने घोषणा पत्र में उन्होंने कहा है, “मेरा उद्देश्य लोगों के नेतृत्व वाले, मुद्दा-आधारित शासन व्यवस्था को बढ़ावा देना है, जो सभी मणिपुरियों को लाभ पहुँचाने वाले समाधानों को प्राथमिकता देता है। मैं सद्भाव और समृद्धि द्वारा चिह्नित भविष्य की कल्पना करता हूँ, जहाँ समावेशी शासन और न्यायसंगत नीतियों के माध्यम से सामूहिक समृद्धि को प्राथमिकता दी जाती है।”

अकोइजम के वादों में जनसंख्या नीति और NRC का समर्थन करना भी शामिल है। ANI से बात करते हुए अकोइजम ने कहा कि राज्य में ‘कानूनी नागरिकों’ की पहचान के लिए एक संस्थागत तंत्र की जरूरत है। उन्होंने कहा, “जब 2003 में संसद में संशोधन पेश किया गया था तो कॉन्ग्रेस ने इसका समर्थन किया था। मणिपुर विधानसभा में 2022 में NRC की माँग करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।”

उन्होंने आगे कहा, “मणिपुर के कॉन्ग्रेस विधायकों ने उस प्रस्ताव का समर्थन किया था। इसलिए, मुझे लगता है कि यह कहना बिल्कुल सही नहीं है कि कॉन्ग्रेस NRC के खिलाफ है। व्यक्तिगत रूप से मैं इसके पक्ष में हूँ। आप इसे किसी अन्य नाम से बुला सकते हैं, लेकिन हमारे पास यह अंतर करने के लिए एक संस्थागत तंत्र होना चाहिए कि कौन नागरिक है और कौन नहीं।”

उनके घोषणा पत्र की बातें:

1) जारी रही हिंसा के लिए जवाबदेही तय करना और आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के लिए न्याय
2) मैतेई के लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा जैसे संवैधानिक संरक्षण का समर्थन
3) जनसंख्या नीति और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्ट्रार (NRC) का समर्थन
4) आर्थिक विकास कार्यबल का गठन करना
5) शैक्षिक सशक्तिकरण की पहल
6) अंतर-सामुदायिक संवाद और सहयोग पहल
7) शासन की जवाबदेही और निरीक्षण पहल
8) स्वदेशी कला और सांस्कृतिक एकीकरण केंद्र
9) सामाजिक-आर्थिक एवं शिक्षा स्थिति मूल्यांकन समिति का गठन
10) प्रतिमान बदलाव: सैन्य दृष्टिकोण से नागरिक शासन की ओर
11) ब्रांड मणिपुर का पुनर्निर्माण
12) प्रशासनिक सुधार
13) भारतीय संघीय राजनीति के तहत मणिपुर की स्थिति को मजबूत करना

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया