फिर टली राणा दंपति की जमानत पर सुनवाई, महाराष्ट्र सरकार ने हनुमान चालीसा पाठ को बताया साजिश: कहा – ‘राष्ट्रपति शासन लगवाना चाहते थे’

महाराष्ट्र पुलिस ने किया राणा दंपति की जमानत याचिका का विरोध (फाइल फोटो)

महाराष्ट्र (Maharashtra) में हनुमान चालीसा विवाद (Hanuman Chalisa Controversy) को लेकर जेल में बंद सांसद नवनीत राणा (Navneet Rana) और उनके पति रवि राणा (Ravi Rana) को शुक्रवार (29 अप्रैल, 2022) को भी कोर्ट से राहत नहीं मिली है। उनकी जमानत याचिका पर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है। आज सिर्फ मुंबई पुलिस ने इस मामले में अपना जवाब दाखिल किया है। पुलिस ने कोर्ट में जमानत याचिका पर विरोध जताया है और इसे ‘राष्ट्रपति शासन’ लगाने की साजिश बताया है।

रवि और नवनीत राणा द्वारा डाले गए जमानत आवेदनों के जवाब में महाराष्ट्र सरकार ने उनकी जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इससे मामले में रुकावट आएगी क्योंकि अगर जमानत दी जाती है, तो आरोपित जाँच के दौरान दिए गए समय पर उपस्थित नहीं होंगे। पुलिस ने आगे कहा, “यह कानून और व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने की एक बड़ी साजिश है… इस हद तक कि कानून और व्यवस्था नाम की कोई चीज न होने की दलील देकर महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा वर्तमान सरकार को भंग करने की सिफारिश की जा सकती है।” बता दें कि राज्यपाल द्वारा सरकार भंग करने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लग जाता है।

क्या होता है राष्ट्रपति शासन

बता दें कि राष्ट्रपति शासन को लागू करने के लिए सबसे पहले राष्ट्रपति को यह सुनिश्चित करना पड़ता है कि किसी विशेष राज्य का कार्यशक्ति फेल हो गया है और तब वहाँ पर राष्ट्रपति शासन की आवश्यकता है। इसके बाद जब राष्ट्रपति सुनिश्चित हो जाए तो उस घोषणा को संसद के दोनों ही सदन (राज्य सभा और लोक सभा) में दो महीने के अंतर्गत ही सामान्य बहुमत से स्वीकृत करना होगा।

फिर जब संसद के दोनों सदन से उस घोषणा को स्वीकृति प्रदान हो जाती है, तो उस राज्य में अगले छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है। राष्ट्रपति शासन को अधिक से अधिक तीन वर्षों तक बढ़ाया जा सकता है, परन्तु इसके लिए यह आवश्यक है, कि प्रत्येक 6 माह में संसद के दोनों सदन उसे सामान्य बहुमत से स्वीकृत करें। राष्ट्रपति शासन का मतलब है किसी राज्य का नियंत्रण भारत के राष्ट्रपति के पास चले जाना। लेकिन प्रशासनिक दृष्टि से केंद्र सरकार इसके लिए राज्य के राज्यपाल को कार्यकारी अधिकार प्रदान करती है।

बता दें कि मरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद हैं जबकि उनके पति तलोजा जेल में हैं। अब उनकी सुनवाई शनिवार (30 अप्रैल) को होगी। कल इस मामले में दोनों पक्ष बहस करेंगे। इससे पहले मुंबई पुलिस की माँग और कोर्ट में ज्यादा केस पेंडिंग होने के चलते दोनों की सुनवाई शुक्रवार यानी 29 अप्रैल तक टाल दी गई थी। शुक्रवार को उन्हें उम्मीद थी कि जमानत मिल जाएगी लेकिन एक बार फिर उनके हाथ निराशा ही लगी। हनुमान चालीसा के विवाद के चलते राणा दंपति 14 दिन की न्यायिक हिरासत यानी 6 मई तक कस्टडी में हैं।

क्यों जेल में हैं राणा दंपति

गौरतलब है कि राणा दंपति ने सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के घर ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था। उन्होंने जिस दिन ऐसा करने का ऐलान किया था, उसी दिन सुबह उनके घर के बाहर बड़ी संख्या में शिवसैनिक पहुँच गए और दिनभर हंगामा किया। उनका आरोप था कि इस दंपति ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाया है। जिसके बाद पति-पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया