लोकसभा चुनावों की गहमागहमी जारी है, अब जबकि केवल दो चरण ही शेष हैं, राजनीतिक नेता चुनाव प्रचार में अपना सर्वश्रेष्ठ झोंक देने को तत्पर हैं। उत्तर प्रदेश में, महागठबंधन के साथी सपा और बसपा ने आज जौनपुर में एक संयुक्त रैली का आयोजन किया, जिसे अखिलेश यादव और मायावती ने संबोधित किया।
हालाँकि, रैली में सपा और बसपा का नेतृत्व पूरी ताकत से मौजूद था, लेकिन कार्यक्रम में एक महान टीवी पत्रकार की अप्रत्याशित उपस्थिति ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया। जहाँ एक तरफ महागठबंधन के नेता रैली को संबोधित कर रहे थे, वहीं NDTV इंडिया के पत्रकार रवीश कुमार को मंच पर खड़ा देखा गया। रवीश कुमार के सपा या बसपा में शामिल होने की कोई खबर नहीं है, इसलिए यह सवाल लाज़मी है कि एक स्वघोषित निष्पक्ष और दूसरों को ‘डफ़र’ कहने वाला पत्रकार एक चुनावी रैली के मंच पर क्या कर रहा था?
हमेशा सच्चाई के साथ खड़े रहने वाले व भारत की जनता को सच्चई से रूबरू कराने वाले अपनी सच्ची पत्रकारिता से पछ विपछ की कमियां बताने वाले NDTV के Ravish Kumar जी महागठबंधन की रैली में शामिल होकर सम्पूर्ण देश मे ये साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश महागठबंधन की लहर नही सुनामी चल रही है। pic.twitter.com/blzWPEndIm
— Sujeet Bhartiya BSP (@SujeetBhartiya) May 7, 2019
वैसे चुनावी रैलियों में पत्रकारों की उपस्थिति कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि उन्हें अपने मीडिया घरानों के लिए रिपोर्ट करने के लिए ऐसी रैलियों में शामिल होना पड़ता है। लेकिन इसके लिए पत्रकार ऐसे आयोजनों में प्रेस के लिए आरक्षित स्थान लेते हैं। न कि वे मंच पर खड़े होकर भाषणों का हिस्सा बनते हैं। क्या इससे यह समझा जाए कि रवीश कुमार एक पत्रकार के रूप में नहीं बल्कि एक मंचीय प्रतिभागी के रूप में रैली में भाग ले रहे थे।
मायावती के पीछे सबसे ईमानदार जनाब है क्या
— Rahul Raj (@bhak_sala) May 7, 2019
कुछ पता तो करो उत्तर प्रदेश में चुनाव है क्या
– राहत भागलपुरी pic.twitter.com/uidbBVxVCV
यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि रवीश कुमार ने कभी भी बीजेपी के लिए अपनी नफरत नहीं छिपाई है। उनकी भाजपा और खासतौर से मोदी के प्रति नफरत जगजाहिर है। जिसे वह अपनी भाषा में सत्ता से ‘कठिन सवाल’ पूछना कहते हैं।
लेकिन आज जिस तरह से उन्हें सपा-बसपा की रैली में भाग लेते हुए देखा गया। जितने प्रेम से वह आज मंच की शोभा बढ़ा रहे थे, उससे उनका अखिलेश और मायावती के प्रति भाव साफ नज़र आ रहा है।
वैसे उनका रैली में इस तरह से शरीक होने पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। क्योंकि पिछले साल रवीश कुमार द्वारा संचालित एक कार्यक्रम में, सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें उस पत्रकार की हत्या नहीं करने का पछतावा है जिसने उनकी आलोचना की थी। रवीश कुमार ने अखिलेश यादव की सहनशीलता की प्रशंसा करते हुए उस शो की शुरुआत की थी। उनकी आपसी जुगलबंदी तभी ज़ाहिर हो गई थी।