सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट का शीर्षक था, "थर्मल पावर प्लांट्स से बढ़ता SO₂ उत्सर्जन: FGD स्थापना में देरी नहीं होनी चाहिए।", जिसे मनोजकुमार एन ने लिखा है।
रवीश कुमार ने अपनी वीडियो में उपद्रवी भीड़ द्वारा प्रधानमंत्री आवास में की गई लूटपाट को सही दिखाया और समझाया कि कैसे लोग कह रहे हैं ये लूट नहीं थी बल्कि जनता की शक्ति थी।
चूँकि ममता बनर्जी ने कहा कि संदेशखाली बीजेपी की साजिश थी और इसे गोदी मीडिया ने ही कवर किया, ऐसे में रवीश कुमार ने एकदम पालतू वाली स्टाइल में उन्हीं बातों को दोहरा दिया।
रवीश कुमार ने रक्षा मंत्री का आधा-अधूरा बयान लेकर यह फैलाया कि वो आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं जबकि राजनाथ सिंह ने तो साफ कहा कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।
पूनम अग्रवाल ने अपने ट्वीट में दिखाया कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर जारी लिस्ट में गड़बड़ है। इसके बाद वामपंथी मीडिया गैंग उनकी तारीफ में जुट गया। लेकिन बाद में हकीकत सामने आई।
रवीश कुमार अब स्थाई तौर पर राजनीति में आ गए लगते हैं। यूँ तो बिलो-दि-बेल्ट हमले की उनकी पुरानी आदत रही है, लेकिन इस बार उन्होंने अलग ही रवैया अपनाया है।