Friday, November 22, 2024
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अयोध्या में राम मंदिर: मोदी बोले- फ़ैसले के बाद 130 करोड़ भारतीयों ने साबित किया देशहित से बढ़कर कुछ नहीं

मोदी ने कहा कि भारत भूमि पर सैकड़ों भाषाएँ सदियों से पुष्पित पल्लवित होती रही हैं। भाषाओं और बोलियों को बचाए रखने के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष को उन भाषाओं का वर्ष बताया है जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 59वीं बार देशवासियों से मन की बात की। उन्होंने कहा कि 9 नवंबर को अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का फैसला न्यायपालिका के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। उन्होंने कहा कि अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद देश में जिस प्रकार की प्रतिक्रिया देखने को मिली उससे साबित हो गया कि देशवासियों ने देशहित को सर्वोपरि माना।

मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा ”पिछले ‘मन की बात’ में मैंने 2010 में अयोध्या मामले में आए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के बारे में चर्चा करते हुए कहा था कि देश ने तब किस तरह से शांति और भाईचारा बनाए रखा था। निर्णय आने के पहले भी, और निर्णय आने के बाद भी। इस बार भी, जब, नौ नवम्बर को उच्चतम न्यायालय का फैसला आया, तो 130 करोड़ भारतीयों ने फिर से साबित कर दिया कि उनके लिए देशहित से बढ़कर कुछ नहीं है। देश में शांति, एकता और सद्भावना के मूल्य सर्वोपरि हैं। राम मंदिर पर जब फ़ैसला आया तो पूरे देश ने उसे दिल खोलकर गले लगाया। पूरी सहजता और शांति के साथ स्वीकार किया।

‘मैं आज भी ख़ुद को कैडेट मानता हूँ’

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि नवंबर महीने का चौथा रविवार हर साल एनसीसी डे के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा, “मैं भी आप ही की तरह कैडेट रहा हूँ और आज भी मन से खुद को कैडेट मानता हूँ। दुनिया के सबसे बड़े यूनिफॉर्म्ड यूथ ऑर्गनाइजेशन में भारत की एनसीसी एक है। इसमें सेना, नौ-सेना, वायुसेना तीनों शामिल हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “7 दिसंबर को आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे मनाया जाता है। यह वो दिन है, जब हम अपने सशस्त्र बलों के सहयोग को याद करते हैं। हर किसी के पास उस दिन आर्म्ड फोर्सेज का फ्लैग होना ही चाहिए। हम वीर सैनिकों का स्मरण करें। लीडरशिप, देशभक्ति, सेल्फलेस सर्विस, अनुशासन और कड़ी मेहनत इन सबको अपने कैरेक्टर का हिस्सा बनाएँ। अपनी आदत बनाने की एक रोमांचक यात्रा मतलब है एनसीसी।”

पीएम मोदी ने स्कूलों से किया ‘फिट इंडिया वीक’ मनाने का आग्रह

पीएम मोदी ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट से आप परिचित हो गए होंगे। स्कूल्स फिट इंडिया मूवमेंट दिसंबर में कभी भी मना सकते हैं। इसमे बच्चे चित्रकारी, खेलकूद प्रतियोगिताएँ और योग में शामिल हो सकते हैं। बच्चों को इसमें पसीना बहाना है। अधिकतम फोकस्ड एक्टिविटी करनी है। उन्होंने कहा, “मैं स्कूलों से आग्रह करता हूँ कि हर जगह फिट इंडिया वीक मनाएँ। इससे फिटनेस के लिए जागरूकता बढ़ती है। सभी स्कूल फिट इंडिया रैंकिंग में शामिल हों और फिट इंडिया को सहज स्वभाव बनाएँ। यह एक जनआंदोलन बने।”

उन्होंने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट में फिटनेस को लेकर स्कूलों की रैंकिंग की व्यवस्था की गई है। इसे हासिल करने वाले सभी स्कूल, फिट इंडिया लोगो और फ्लैग इस्तेमाल कर पाएँगे। फिट इंडिया पोर्टल पर जाकर स्कूल स्वयं को फिट घोषित कर सकते हैं। फिट इंडिया के तहत उन्हें फिट इंडिया 3 स्टार और 5 स्टार रेटिंग दी जाएगी।

भाषाएँ-बोलियाँ धरोहर हैं, इन्हें बचाएँ

पुष्करम, पुष्करालु, पुष्कर: के बारे में आपने नहीं सुना होगा। यह नदियों के किनारे मनाए जाने वाले उत्सव हैं। पुष्करम ऐसा उत्सव है जिसमें नदी का महात्मय, नदी का गौरव, जीवन में नदी की महत्ता एक सहज रूप से उजागर होती है। यह देश की 12 अलग-अलग नदियों पर जो उत्सव होते हैं उनके भिन्न-भिन्न नाम हैं। हर वर्ष एक नदी पर यानी उस नदी का नंबर फिर 12 वर्ष के बाद लगता है। यह उत्सव देश के अलग-अलग कोने की 12 नदियों पर होता है। बारी-बारी से होता है 12 दिन चलता है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस संदर्भ में असम नौगाँव के रमेश शर्मा की टिप्पणी का भी ज़िक्र किया। इसमें 4-16 नवंबर तक चले ब्रहमपुत्र पुष्कर के बारे में बताया गया था।

मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हमारी भारत भूमि पर सैकड़ों भाषाएँ सदियों से पुष्पित पल्लवित होती रही हैं। हालाँकि, हमें इस बात की भी चिंता होती है कि कहीं भाषाएँ, बोलियाँ ख़त्म तो नहीं हो जाएँगी। लेकिन उत्तराखंड के धारचुला की कहानी से मुझे काफी संतोष मिला। वहाँ की आबादी कम है, लेकिन इसके बाद भी बुजुर्ग और युवा सभी अपनी भाषाओं को बचाने के लिए आगे आए। भाषाओं और बोलियों को बचाए रखने के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र ने इस वर्ष को उन भाषाओं का वर्ष बताया है जो विलुप्त होने की कगार पर हैं।

ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महीने के आख़िरी रविवार को मन की बात के ज़रिए देशवासियों को संबोधित करते हैं। पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का यह 59वाँ संस्करण था। इससे पहले उन्होंने 27 अक्टूबर को मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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