जहाँ आज तक नहीं गए कोई प्रधानमंत्री वहाँ जाएँगे PM मोदी, PVTG के लिए देंगे ₹24000 करोड़ का पैकेज: ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ की होगी शुरुआत

जनजातीय गौरव दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू में होंगे पीएम मोदी (फोटो साभार: पीएम मोदी का FB अकाउंट)

15 नवंबर को केंद्र की मोदी सरकार ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाती है। इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिन भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली झारखंड के ‘उलिहातु’ में होंगे। इस गाँव में पहुँचने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री होंगे।

उल्लेखनीय है कि बिरसा मुंडा का जन्म 1875 में 15 नवंबर को ही हुआ था। 2022 में उनकी जयंती पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उलिहातु पहुँची थीं। वे इस गाँव में पहुँचने वाली पहली राष्ट्रपति थीं। इस दौरान उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों से भी मुलाकात की थी।

पीएम मोदी 14-15 नवंबर को झारखंड के दौरे पर होंगे। वे यहाँ खूंटी में तीसरे जनजातीय गौरव दिवस पर आयोजित समारोह में शामिल होंगे। कार्यक्रम के दौरान पीएम ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ का आगाज करेंगे।

इसके साथ ही पीएम कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिए 24 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान करेंगे। पीएम-किसान निधि की 15वीं किस्त जारी करेंगे। पीएम इस मौके पर झारखंड में 7200 करोड़ रुपए की लागत से कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

बुधवार 15 नवंबर को सुबह करीब 9:30 बजे पीएम रांची में भगवान बिरसा मुंडा मेमोरियल पार्क और स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का दौरा करेंगे। इसके बाद वे भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु गाँव जाएँगे। वहाँ पीएम मोदी भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे।

कौन है भगवान बिरसा मुंडा

 युवावस्था में ही बिरसा मुंडा अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह में नायक बन कर उभरे और जनजातीय समूह ने उन्हें अपने नेता माना। 25 से भी कम उम्र में इन्होंने देश के लिए बलिदान दे दिया। उनका जन्म छोटानागपुर पठार क्षेत्र में 1875 ईस्वी में हुआ था। ईसाईयों द्वारा संचालित एक विद्यालय में कुछ दिन पढ़ने के दौरान उन्हें अंग्रेजों द्वारा जनजातीय समूह के धर्मांतरण की साजिश का पता चला।

उन्होंने मुंडा और उराँव समुदाय को एकजुट किया। 1886-90 में वो चाईबासा के विद्रोह में शामिल रहे। 3 मार्च, 1900 को चन्द्रक्रधरपुर के जम्कोपाई जंगलों में जब ये अपने साथियों के साथ सो रहे थे, तभी अग्रेजों ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनके संघर्ष और दबाव का ही नतीजा था कि ब्रिटिश सरकार को जनजातीय समुदाय के जमीन के अधिकारों के संरक्षण के लिए कानून बनाना पड़ा। जिस लिहतू गाँव में उनका जन्म हुआ था, वो अब राँची जिले में पड़ता है।

1895 में भी उन्हें गिरफ्तार कर के हजारीबाग के कारागार में डाल दिया गया था। उनका गुनाह सिर्फ इतना था कि 1894 के काल के दौरान उन्होंने गरीबों का लगान माफ़ करने के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन किया था। अकाल पीड़ित जनता की सहायता के लिए उन्हें ‘धरती बाबा’ की उपाधि लोगों ने दी। 1897-1900 के बीच अंग्रेजों से उनका समाज का कई बार युद्ध हुआ। 1897 में उन्होंने तीर-कमान और तलवार से लैस साथियों के साथ खूँटी थाने पर हमला किया था। 1898 में तांगा नदी के किनारे संघर्ष हुआ। 1900 में डोमबाड़ी पहाड़ी पर संघर्ष हुआ। इस दौरान अंग्रेजों ने काफी क्रूरता की।

PVTG जनजातीय समाज तक पहुँचाएगा हर सुविधा

पीएम मोदी जनजातीय गौरव दिवस पर PVTG (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) विकास मिशन लॉन्च करने जा रहे हैं। जनजातीय समूह के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए 24 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली इस योजना में उन तक हर तरह की सुविधाएँ पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके तहत जनजातीय रिहायश तक सड़क, टेलीकॉम, बिजली, पक्के मकान, साफ पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण सहित जीवन यापन के साधन मुहैया कराए जाएँगे। साथ ही सुदूर इलाकों में रहने वाले जनजातीय समुदाय तक इस मिशन के तहत टीवी उन्मूलन, 100 फीसदी टीकाकरण, पीएम मातृ वंदन योजना, पीएम पोषण और पीएम जनधन योजना का पहुँचाने का लक्ष्य भी रखा गया है।

गौरतलब है कि देश में कुल 75 कमजोर जनजातीय समूह हैं जो 220 जिलों के 22544 गाँवों रहते हैं। इनकी आबादी 28 लाख के करीब आँकी गई है। बताते चलें कि 2023-24 के बजट में, विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री पीवीटीजी विकास मिशन का ऐलान किया गया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया