Wednesday, October 9, 2024
Homeदेश-समाजभगवान बिरसा मुंडा के गाँव में पहली बार राष्ट्रपति, बोलीं द्रौपदी मुर्मू- यह मेरे...

भगवान बिरसा मुंडा के गाँव में पहली बार राष्ट्रपति, बोलीं द्रौपदी मुर्मू- यह मेरे लिए तीर्थयात्रा समान: उलिहातु को बदहाली दूर होने की उम्मीद

"भगवान बिरसा की जयंती के दिन, उनकी प्रतिमा का दर्शन करके, मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रही हूँ। उनके जन्म और कर्म से जुड़े स्थानों पर जाना मेरे लिए तीर्थयात्रा के समान है।"

‘जनजातीय गौरव दिवस’ के अवसर पर मंगलवार (15 नवंबर 2022) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली ‘उलिहातु’ पहुँची। झारखंड के इस गाँव में पहुँचने वाली वे पहली राष्ट्रपति हैं। इस दौरान उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों से भी मुलाकात की।

2021 में मोदी सरकार ने बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला किया था। वैसे तो ‘उलिहातु’ में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। लेकिन राष्ट्रपति के अगवानी में यह पूरी तरह सजधज कर तैयार था। ग्रामीणों को उम्मीद है कि इस यात्रा से उनके दिन बदल जाएँगे।

राष्ट्रपति ने ट्वीट कर कहा है, “भगवान बिरसा मुंडा के गाँव उलिहातू में जाकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने का आज मुझे सौभाग्य मिला। भगवान बिरसा की जयंती के दिन, उनकी प्रतिमा का दर्शन करके, मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रही हूँ। उनके जन्म और कर्म से जुड़े स्थानों पर जाना मेरे लिए तीर्थयात्रा के समान है।”

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक उलिहातू के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। इन्हें पक्का मकान, शिक्षा और बिजली नसीब नहीं हुई है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उनके रहने के लिए घर और पीने के पानी का इंतजाम करवाएँगी।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट

‘गाँव में पीने का पानी भी नहीं ‘

रिपोर्ट के अनुसार, उलिहातु की स्थिति बदतर है। यहाँ बिजली, पानी, सिंचाई, स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं की हालत खस्ता है। 5 साल पहले यानी 2017 में उलिहातु के विकास के लिए शहीद ग्राम विकास योजना की शुरुआत की गई थी। उस वक्त भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने शिलान्यास किया था। इस गाँव में 164 पक्के मकान बनने थे, पर अब तक एक भी नहीं बना।

‘सड़क पर मिड डे मील खाने को मजबूर’

बिरसा मुंडा के गाँव में शुद्ध पेयजल, बिजली, शिक्षा और आधारभूत संरचना का पूरा विकास होना था, लेकिन 5 साल बाद भी यहाँ कोई बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है। स्कूलों में पानी नहीं है। बच्चे सड़क पर मिड डे मील खाने को मजबूर हैं। प्राचार्य कार्तिक सिंह मुंडा कहते हैं, “स्कूल में पानी का संकट है। एक साल में दो बोरिंग फेल हो गया है। चापाकल सूख गया है। बच्चों को बाहर से पानी लाना पड़ता है।”

बिरसा के वंशज खपरैल के मकान में रह रहे

बिरसा मुंडा के पोते सुखराम मुंडा के अनुसार, उनका परिवार खपरैल के मकान में रहता है। सुखराम मुंडा ने कहा, “शहीद ग्राम विकास योजना के तहत गाँव में सबका मकान पक्का बनना है, लेकिन मेरे पास उतनी जमीन ही नहीं है। मेरी बेटी जौनी कुमारी खूंटी कॉलेज से पीजी कर रही है। बेटी को नौकरी मिले, इसके लिए राष्ट्रपति से बोलूँगा।”

गौरतलब है कि भगवान बिरसा मुंडा के परिजनों की बदहाली को लेकर पहली बार ऐसी खबरें सामने नहीं आई हैं। इससे पहले भी कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं, जिसमें उनकी हालत के बारे में बताया गया है। राँची का उलिहातु जो बिरसा मुंडा का जन्मस्थान है वहाँ आज भी उनका परिवार कुएँ का पानी पीने को मजबूर है। उनके परपोते की बहू गांगी मुंडा बताती है कि नल से पानी नहीं आता। बिरसा मुंडा की परपोती गांव की बदतर हालत के लिए सीएम को खुला पत्र भी लिख चुकी हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिस सरकारी अस्पताल में काम करते हैं जब्बार खान-मुशीर अहमद, वहाँ ‘जैविक जिहाद’ की कर रहे थे तैयारी: डॉक्टर यशवीर के खाने में TB...

जब्बार खान और मुशीर अहमद टीबी के किसी मरीज का बलगम डॉ यशवीर के खाने में मिलाने की साजिश लम्बे समय से रच रहे थे।

RG Kar अस्पताल के 50 सीनियर डॉक्टर ने एक साथ दिया इस्तीफा, आमरण अनशन पर जूनियर डॉक्टर्स: जानिए वजह, यहीं हुआ था रेप-मर्डर

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 50 वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में सामूहिक इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -