राहुल गाँधी के साथ अंग्रेजों के ‘वफादार नौकर’ के प्रपौत्र, पुलिस के पास पहुँचे सावरकर के पोते और बाला साहब की शिवसेना

सावरकर पर टिप्पणी को लेकर राहुल गाँधी के खिलाफ शिकायत (फोटो साभार: @INCIndia)

कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) पर हैं। अभी यात्रा महाराष्ट्र में है। शुक्रवार (18 नवंबर 2022) को महात्मा गाँधी के प्रपौत्र तुषार गाँधी भी इस यात्रा में शामिल हुए। इधर वीर सावरकर पर की गई टिप्पणियों को लेकर रंजीत सावरकर और बालासाहेबांची शिवसेना ने राहुल गाँधी के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है।

राहुल की यात्रा महाराष्ट्र में अपने अंतिम चरण में है। शुक्रवार सुबह अकोला जिले के बालापुर से यात्रा शुरू हुई। बुलढाणा के शेगांव में कॉन्ग्रेस नेता एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। यात्रा से तुषार गाँधी के जुड़ने को लेकर कॉन्ग्रेस ने ट्वीट कर कहा है, “आज भारत जोड़ो यात्रा में महात्मा गाँधी के प्रपौत्र श्री तुषार गाँधी शामिल हुए। वैसे भी इतिहास गवाह है- संकट में घिरे देश को बचाने गाँधी-नेहरू हमेशा साथ आए हैं।”

सावरकर पर टिप्पणी राहुल गाँधी ने महाराष्ट्र के वाशिम में गुरुवार को की थी। उन्होंने कहा था कि सावरकर ने अंग्रेजों की मदद की। जेल में रहने के दौरान माफीनामा लिखकर महात्मा गाँधी और भारतीय नेताओं को धोखा दिया। राहुल गाँधी ने कहा, “सावरकर ने अंग्रेजों को खत लिखकर कहा था कि सर, मैं आपका नौकर रहना चाहता हूँ। जब सावरकर जी ने माफीनामे पर हस्ताक्षर किए तो उसका कारण डर था। अगर वह डरते नहीं तो वह कभी हस्ताक्षर नहीं करते। इससे उन्होंने महात्मा गाँधी और उस वक्त के नेताओं के साथ धोखा किया था।”

इसके खिलाफ वीर सावरकर के पोते रंजीत ने मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा है, “राहुल गाँधी और कॉन्ग्रेस ने सावरकर का पहली बार अपमान नहीं किया है। ये पहले भी सावरकर का अपमान कर चुके हैं। उनका बार-बार अपमान किया जा रहा है। अब हम इसे और नहीं सह सकते।”

इसी तरह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेबांची शिवसेना ने भी शिकायत दर्ज करवाई है। वंदना सुहास डोंगरे की शिकायत पर पुलिस आईपीसी की धारा 500 और 501 के तहत मामला दर्ज किया है। शिकायत में स्वतंत्रता सेनानी को बदनाम करने और स्थानीय लोगों की भावनाओं को आहत करने का आरोप कॉन्ग्रेस नेता पर लगाया गया है।

वीर सावरकर पर टिप्पणी करते हुए राहुल गाँधी ने एक पत्र भी दिखाया था। इसकी भाषा के आधार पर सावरकर को अंग्रेजों का वफादार बताया था। वैसे इस तरह की भाषा में पत्र लिखने का उस जमाने में चलन था। सावरकर ही नहीं, उस समय महात्मा गाँधी ने भी अंग्रेजों को लिखे अपने पत्रों के अंत में इसी वाक्य का प्रयोग किया था। इससे पता चलता है कि जिस तरह आज ‘भवदीय’ आदि लिखकर पत्र के अंत में अपना नाम लिखने का चलन है, उसी तरह यह उन दिनों पत्रों को समाप्त करने का मानक और सामान्य तरीका था।

ड्यूक ऑफ कनॉट को लिखे पत्र के अंत में महात्मा गाँधी ने लिखा था, ‘I beg to remain, your royal Highness faithful servant, M.K Gandhi’ यानी ‘आपका सदैव नौकर बने का प्रार्थी….’। राहुल गाँधी पत्र लिखने के इसी तरीके पर सवाल उठा रहे हैं और इसे अंग्रेजों के मददगार के रूप में मान रहे हैं। पत्र के अंत में महात्मा गाँधी जो लिखते थे, वही सावरकर ने भी लिखा था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया