14 करोड़ किसानों को मिला फ़ायदा: राष्ट्रपति ने मोदी सरकार की योजनाओं की पीठ थपथपाई

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को सम्बोधित करते महामहिम कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें। राष्ट्रपति ने बताया कि जन-कल्याण के लिए, सरकार ने कई अभियान चलाए हैं। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नागरिकों ने, स्वेच्छा से उन अभियानों को, लोकप्रिय जन-आंदोलनों का रूप दिया है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए महामहिम ने कहा कि जनता की भागीदारी के कारण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल की है। भागीदारी की यही भावना अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों में भी दिखाई देती है। चाहे रसोई गैस की सब्सिडी को छोड़ना हो, या फिर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की उपलब्धियाँ गर्व करने योग्य हैं। लक्ष्य को पूरा करते हुए, 8 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। बकौल राष्ट्रपति, ऐसा होने से, जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है।

राष्ट्रपति ने सरकार की योजनाओं की प्रशंसा करते हुए आँकड़े गिनाए कि ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ के माध्यम से लगभग 14 करोड़ से अधिक किसान भाई-बहन प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की न्यूनतम आय प्राप्त करने के हकदार बने हैं। इससे हमारे अन्नदाताओं को सम्मानपूर्वक जीवन बिताने में सहायता मिल रही है।

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उन्होंने जानकारी दी कि जीएसटी के लागू हो जाने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है। इसी के साथ ‘ई-नाम’ योजना द्वारा भी ‘एक राष्ट्र के लिए एक बाजार’ बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुँचेगा। उन्होंने आगे कहा:

“हम देश के हर हिस्से के सम्पूर्ण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। चाहे वह जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हो, पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्य हों या हिंद महासागर में स्थित हमारे द्वीप-समूह हों। देश के विकास के लिए एक सुदृढ़ आंतरिक सुरक्षा-व्यवस्था का होना भी जरूरी है। इसलिए सरकार ने आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए अनेक ठोस कदम उठाए हैं। सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र पर विशेष बल दिया है। भारत में सदैव ज्ञान को शक्ति, प्रसिद्धि या धन से अधिक मूल्यवान माना जाता है। शैक्षिक संस्थाओं को भारतीय परंपरा में ज्ञान अर्जित करने का स्थान अर्थात विद्या का मंदिर माना जाता है।”

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राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमारी कई उपलब्धियाँ उल्लेखनीय हैं। हमारा प्रयास है कि देश का कोई भी बच्चा अथवा युवा, शिक्षा की सुविधा से वंचित न रहे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ इसरो की उपलब्धियों पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है। उन्होंने कहा कि देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूँ। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएँ प्रस्तुत करता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया