लक्षद्वीप में PM मोदी और टूरिज्म vs युद्धपोत से राजीव गाँधी का ‘फैमिली टूर’ और अंग्रेज की बीवी के लिए नेहरू का फूल भेजना: 36 साल में ऐसे बदला सरकारी तंत्र

पूर्व प्रधामंत्री राजीव गाँधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्षद्वीप दौरा खबरों में है। तस्वीरों में दिख रहा है कि पीएम ने इस ट्रिप का काफी आनंद लिया। उन्होंने समुद्र की गहराइयों में जाकर ‘Snorkelling’ का अनुभव किया, तो किनारे बैठ वहाँ की खूबसूरती को भी निहारा। इसके अलावा उन्होंने लक्षद्वीप के स्थानीयों से भी मुलाकात की और कहा कि उनका मकसद लक्षद्वीप के लोकल कल्चर को संरक्षित रखते हुए वहाँ लोगों को बेहतर स्वास्थ्य, इंटरनेट और पेयजल की सुविधा देना है।

उन्होंने बताया कि जितना वह लक्षद्वीप की खूबसूरती देख खुश हुए उतना ही वहाँ के लोगों के स्वागत से भी। उन्होंने इस दौरे के वक्त अगत्ती, बंगारम और कवरत्ती में लोगों से मुलाकात की। लौटकर सारी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं।

उनकी यह तस्वीरें देखने के बाद लोगों ने लक्षद्वीप जाने की तो इच्छा जताई ही। साथ ही एक और चर्चा भी शुरू हो गई। ये चर्चा है पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के लक्षद्वीप ट्रिप की, जिन्होंने मीडिया की नजरों से छिपछिपाकर अपनी फैमिली ट्रिप के लिए देश के युद्धपोत INS विराट का दुरुपयोग पर्सनल वाहन की तरह किया था और बड़े लैविश ढंग से छुट्टियाँ मनाई थीं।

राजीव गाँधी की लक्षद्वीप में फैमिली ट्रिप

उनकी इस ट्रिप पर इंडियन एक्सप्रेस और इंडिया टुडे ने स्टोरी की थी, जिसका खामियाजा मीडिया संस्थानों को भुगतना पड़ा। इंडियन एक्सप्रेस के दफ्तर तो कई बार रेड पड़ी। वहीं संस्थान पर कस्टम ड्यूटी से बचने जैसे फर्जी आरोप लगाए गए। दफ्तर के बाहर दिल्ली पुलिस सीआरपीएफ के सिपाही तैनात किए गए।

इस प्रताड़ना का कारण बस ये था कि इंडियन एक्सप्रेस ने उनकी इन छुट्टियों पर कार्टून के जरिए सवाल किया था। कार्टून में राजीव गाँधी नारियल के पेड़ के नीचे बैठकर नारियल पी रहे थे और कह रहे थे,“Ah! To get away from it all!” और देश उनसे पूछ रहा था “कब?”

इसी तरह इंडिया टुडे की अनिता प्रताप ने भी राजीव गाँधी की इस ट्रिप पर स्टोरी की थी। इस रिपोर्ट में बताया गया था कि गाँधी परिवार की इस ट्रिप के लिए भरकर शराब ट्वीप की राजधानी में पहुँचाई गई थी। इसके अलावा 100 चिकन से भरा एक पोल्ट्री फार्म सेट हुआ था। मछलियों के साथ वहाँ द्वीप के ताजे फल जैसे पपीता, छोटे पीले केला, अमरूद भेजे गए थे। मक्खन और ब्रेड गई थी। कोल्डड्रिंप की 40 क्रेट, 300 मिनरल वाटर की बोतल, अमूल चीज, नींबू पानी आदि चीजें गई थीं।

राजीव गाँधी की यह ट्रिप 26 दिसंबर 1987 से 6 जनवरी 1988 तक की थी। मेहमानों की सूची में राहुल और प्रियंका के चार दोस्त, सोनिया गाँधी की बहन, बहनोई और उनकी बेटी, उनकी विधवा माँ आर. मैनो, उनके भाई और एक मामा शामिल थे। साथ ही पूर्व सांसद अमिताभ बच्चन, उनकी पत्नी जया और उनके बच्चे अभिषेक और श्वेता भी मौजूद थे। अमिताभ के भाई अजिताभ की बेटी, जिनकी विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के संदिग्ध उल्लंघन के लिए जाँच की जा रही थी, वह भी साथ में गई थी। इसके आलावा अन्य भारतीय मेहमानों में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण सिंह के भाई बिजेंद्र सिंह की पत्नी और बेटी थीं। और दो अन्य विदेशी भी थे।

1998 और 2024 की हो रही तुलना

यही कारण है कि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के फोटोज डालने के बाद कहा जा रहा है कि एक नरेंद्र मोदी हैं जो लक्षद्वीप की तस्वीरें साझा करके यहाँ के टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहते हैं और एक राजीव गाँधी थे जिन्होंने इसे पर्सनल पिकनिक स्पॉट की जगह बना दी थी।

मालूम हो कि 1950 में ही भारतीय नौसेना की संपत्ति का दुरुपयोग करने की परंपरा जवाहरलाल नेहरू के साथ शुरू हुई थी। जब एडविना की मृत्यु 1960 में हुई तो सरकारी खर्चे पर नेहरू ने भारतीय नौसेना के फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल को एस्कॉर्ट के रूप में भेजा। जब उनका शोक संतप्त परिवार हट गया, तो भारतीय फ्रिगेट आईएनएस त्रिशूल उस जगह पर आया और नेहरू के निर्देशों के अनुसार मैरीगोल्ड के फूलों से उस पूरे एरिया को आच्छादित कर दिया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया