देश के रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में अगस्ता-वेस्टलैंड के खिलाफ़ मध्यस्थता की कार्रवाई के लिए याचिका दायर किया। सरकार के पक्ष को सुनने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख़ 28 फ़रवरी तय कर दी है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को हलफ़नामा दायर करने के लिए 5 सप्ताह का समय भी दिया है।
हाई कोर्ट की याचिका में रक्षा मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया है कि अगस्ता-वेस्टलैंड केस में कई आपराधिक मामले की कार्रवाई एक चल रही है, जिसकी वजह से मध्यस्थता कार्रवाई की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में सरकार ने इस मामले पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में अपील की, जिसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के इस अपील को स्वीकार कर लिया है।
Next date of hearing in the case is 28th February. #AgustaWestland https://t.co/e2adEUBz5l
— ANI (@ANI) January 9, 2019
अगस्ता-वेस्टलैंड मामला क्या है?
भारतीय वायुसेना के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए इटली की कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में करार किया गया। 3,600 करोड़ रुपये के करार को जनवरी 2014 में भारत सरकार ने रद्द कर दिया। जानकारी के लिए बता दें कि इस करार में 360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगा था। इटली कंपनी और सरकार के बीच के इस करार में कमीशन की ख़बर सामने आते ही 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई पर सरकार ने फ़रवरी 2013 में रोक लगा दी।
क्रिश्चियन मिशेल को अगस्ता मामले में हिरासत में लिया गया था
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट अदालत ने 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए क्रिश्चियन मिशेल को 22 दिसंबर को ईडी की 7 दिन की हिरासत में भेज दिया था। विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मामले में कथित बिचौलिए मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।