‘बिहार में पढ़ाई नहीं, राजनीति जरूरी’: नीतीश-तेजस्वी की रैली के लिए पूर्णिया यूनिवर्सिटी ने परीक्षा को रद्द किया, लोग बोले- शर्मनाक

बिहार महागठबंधन रैली (साभार: जागरण)

पूरे देश क बिहार की शिक्षा की स्थिति के बारे में पता है। वहाँ कई विश्वविद्यालयों के सत्र तो दो वर्ष तक पीछे हैं। ऐसे में हैरान करने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की रैली के कारण एक विश्वविद्यालय ने ग्रेजुएशन की प्रस्तावित परीक्षा को रद्द कर दिया।

बिहार की महागठबंधन सरकार ने शनिवार (25 फरवरी 2023) को पूर्णिया में रैली का आयोजन किया है। रैली रंगभूमि मैदान में आयोजित होगी। इस बीच पूर्णिया विश्वविद्यालय ने रैली के कारण स्नातक द्वितीय खंड परीक्षा 2022 की 25 फरवरी को होने वाली परीक्षा स्थगित कर दी है।

पूर्णिया विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी की है। जारी अधिसूचना के अनुसार, अब यह परीक्षा 15 मार्च 2023 को आयोजित की जाएगी। परीक्षा पहले से तय परीक्षा केंद्रों पर होगी।

रैली के कारण परीक्षा रद्द करने पर भाजपा ने बिहार की महागठबंधन सरकार पर हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार की महागठबंधन सरकार में परीक्षा की जगह राजनीतिक रैली को प्राथमिकता दी जा रही है।

बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, “महागठबंधन सरकार पूर्णिया में अपनी रैली को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन एवं शिक्षण संस्थानों पर दबाव डालकर परीक्षा तक स्थगित करवा रही है। बिहार सरकार में शामिल गठबंधन दलों की रैली को सफल बनाने के लिए शिक्षण संस्थानों तक को स्वागत में और भीड़ जुटाने में लगा दिया है।”

रैली के कारण परीक्षा रद्द करने को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। वहीं, इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग बिहार की सरकार को घेर रहे हैं।

बता दें कि बिहार में 25 फरवरी को BJP और महागठबंधन की रैली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना और पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि नगर में रैली को संबोधित करेंगे। वहीं, पूर्णिया में महागठबंधन की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव संबोधित करेंगे। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया