भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी ने असम में अपनी पार्टी के किसी भी विधायक से नहीं मिले थे। असम में उत्तरी करीमगंज से कॉन्ग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने आरोप लगाया है कि असम में एक सप्ताह तक राहुल गाँधी उन पार्टियों से मिलते रहे, जिनका कोई जनाधार नहीं है। उधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गाँधी को तोहफा दिया है।
पुरकायस्थ ने कहा, “यहाँ हमारे 24 विधायक हैं। वह (राहुल गाँधी) यहाँ 15 पार्टियों से मिले, जो कि INDI गठबंधन में शामिल हैं। इनकी अपनी कोई पहचान नहीं है और लोगों ने इनका नाम तक नहीं सुना है। अब ये पार्टियाँ 2-3 सीट माँग रही हैं। जब इनसे गठबंधन हुआ तब भूपेन बोरा (असम कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष) ने हमसे कोई सलाह नहीं ली।”
पुरकायस्थ ने राहुल गाँधी को लेकर निराशा व्यक्त की और कहा, “राहुल गाँधी को यहाँ के 24 विधायकों के साथ कम-से-कम आधे घंटे तक बातचीत करनी चाहिए थी। वह यहाँ आठ दिनों तक थे। इस बीच उनकी विधायकों से कोई बातचीत नहीं हुई। आखिरी दिन भी उनकी बस में एक मीटिंग हुई और मुझे नहीं मालूम उसमें क्या बात हुई।” उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस पार्टी के कई विधायक मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के संपर्क में हैं।
पुरकायस्थ ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सरमा राहुल गाँधी के साथ अन्य पार्टियों के नेताओं की हुई मीटिंग के बारे में उनसे अधिक और विस्तार में जानते हैं। पुरकायस्थ ने आरोप लगाया है कि कॉन्ग्रेस में आपसी संवाद नहीं है। अब उन्होंने कॉन्ग्रेस विधायक बसंत दास के साथ विधानसभा में भाजपा सरकार का समर्थन करने का निर्णय लिया है। हालाँकि, वह अभी कॉन्ग्रेस नहीं छोड़ेंगे, लेकिन विधानसभा के भीतर सरकार का साथ देंगे। इसका ऐलान मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी किया है।
बता दें कि पुरकायस्थ राज्य की विपक्षी दल कॉन्ग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष थे और बसंत दास इसके पहले वाली कॉन्ग्रेस की तरुण गोगोई सरकार में मंत्री थे। इन दोंनों कॉन्ग्रेस नेताओं का समर्थन मिलने के बाद CM सरमा ने बुधवार (14 फरवरी 2024) को इसे कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी को दिया गया तोहफा बताया।
उन्होंने इस बाबत एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “एक कहानी सुनिए- जब राहुल गाँधी असम आए, उन्होंने कॉन्ग्रेस के सारे विधायकों को अपनी आलीशान बस में बुलाकर, धमका कर कहा कि असम विधानसभा को चलने नहीं देना चाहिए। हमने भी उन्हें एक तोहफ़ा दिया। अब कॉन्ग्रेस के विधायक सरकार का समर्थन कर सदन को शांतिपूर्ण तरीक़े से चलने दे रहे हैं।”