एक्शन में राजस्थान के शिक्षा मंत्री: सभी स्कूलों में माँ सरस्वती की मूर्ति जरूरी, सभी का ड्रेस कोड भी समान; पालन न करने वालों पर होगी सख्ती

राजस्थान के स्कूलों में शिक्षा की देवी माँ सरस्वती की मूर्ति स्थापना जरूरी (फोटो साभार : AI Bing द्वारा बनाई गई तस्वीर)

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने राज्य के सभी स्कूलों में माँ सरस्वती की मूर्ति स्थापित और ड्रेस कोड लागू करने का आदेश दिया है। आदेश में कहा गया है कि सभी सरकारी और निजी स्कूलों में माँ सरस्वती की मूर्ति लगाना अनिवार्य होगा और यह मूर्ति स्कूल के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगाई जाएगी। इसके अलावा सभी स्कूलों में छात्रों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। यह ड्रेस कोड छात्रों की उम्र और लिंग के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि वर्तमान में स्कूल में जो हालात बने हुए हैं उसके लिए वे जाँच के आदेश देंगे। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि वे स्कूलों में वे धर्मांतरण नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में माँ सरस्वती की तस्वीर नहीं होगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ कहा कि स्कूलों में ड्रेस कोड ही लागू होंगे।

इससे पहले राजस्थान सरकार में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने भी स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर जाने का विरोध किया था। उन्होंने कहा था, “कई देशों में हिजाब पर प्रतिबंध है तो यहाँ भी हिजाब पर प्रतिबंध होना चाहिए। अनुशासन के लिए जरूरी है कि स्कूलों में सभी को एक ही ड्रेस में आएँ। ऐसे तो कोई कुछ भी पहनकर आ जाएगा। कोई थानेदार ही कह देगा कि मैं तो कुर्ते पायजामे में आऊँगा।”

बता दें कि जयपुर के गंगापोल इलाके में स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं ने आरोप है कि उनके स्कूल के वार्षिक समारोह के दौरान हवामहल के विधायक बालमुकुंद आचार्य को बुलाया गया था। मुस्लिम छात्राओं का आरोप है कि भाजपा विधायक ने स्कूल में आकर हिजाब को लेकर बातें कीं और इस दौरान धार्मिक नारे भी लगवाए। इसके बाद मुस्लिम छात्राओं ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन भी किया था।

इस मामले को कॉन्ग्रेस विधायक रफीक खान ने विधानसभा में भी उठाया था। इसके बाद विधानसभा में हंगामा भी हुआ। इस पर बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि बच्चियों को ‘भारत माता की जय’ बोलने को कहा गया। सरस्वती माता की जय बोलने को कहा गया। उन्होंने पूछा कि इसमें गलत क्या है? सरस्वती माता की जय बोलना गलत है?

बालमुकुंद आचार्य ने आगे कहा, “मैंने विद्यालय की प्रिंसिपल से पूछा था कि विद्यालय में दो तरह के ड्रेस कोड हैं क्या? मुझे दो तरह का माहौल नजर आया। एक हिजाब में और एक बिना हिजाब के। कल को हमारे बच्चे भी लहंगा-चुन्नी या अलग-अलग रंग के ड्रेस में आएँगे तो स्कूल में कैसे चलेगा?”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया