हर कश्मीरी नहीं राष्ट्र विरोधी, 200 नेताओंं की नजरबंदी से ही आ गई शांति: राम माधव

राम माधव (साभार: ANI)

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने शुक्रवार (अक्टूबर 4, 2019) को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में नेशनल यूनिटी कैंपेन को संबोधित करते हुए कहा कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के लोग अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी करने के फैसले से बाद से काफी खुश हैं। उन्होंने घाटी में हालात सामान्य होने का दावा किया। साथ ही कहा कि कश्मीर में अभी भी कुछ मुद्दे हैं जिनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ निपटा जाएगा।

बीजेपी नेता ने राष्ट्रीय एकता अभियान को संबोधित करते हुए कहा, ”हर कश्मीरी देशद्रोही नहीं है और न ही हर अलगाववादी हैं। वे हमारे और आपके जैसे ही हैं। हमने अनुच्छेद 370 को हटा दिया, क्योंकि हम जम्मू-कश्मीर के लोगों को विकास, राजनीतिक ताकत और गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार देना चाहते थे।”

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राम माधव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग इस बात से खुश हैं कि अब वे भी देश के बाकी हिस्से में रह रहे लोगों के साथ जुड़ पाएँगे। उन्होंने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया है। अब वह देश के अन्य राज्य की तरह ही है। उन्होंने कहा कि दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गए हैं। लद्दाख के लोग भी बहुत खुश हैं, क्योंकि वो इसकी माँग काफी लंबे समय से कर रहे थे।

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इसके साथ ही राम माधव ने अनुच्छेद 370 को पिछले 70 सालों का कैंसर करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे महज 70 घंटे में हटा दिया। उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र महीनों तक कानून- व्यवस्था की समस्या में उलझा रहता था, वह अब करीब 200 नेताओं को नजरबंद रखे जाने के बाद शांतिपूर्ण हो गया है। पिछले दो महीनों में सुरक्षाबलों की चौकसी के चलते एक भी नागरिक की मौत नहीं हुई है।

राम माधव ने कहा कि यह दुष्प्रचार है कि जम्मू-कश्मीर में हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वो 200 नेता एहतियाती तौर पर हिरासत में हैं। यह मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है। वे सभी पूरी सुविधाओं के साथ फाइव स्टार होटलों में हैं। यह कदम घाटी में कानून व्यवस्था बेहतर बनाए रखने के लिए उठाया गया है। 

भाजपा महासचिव ने कहा, “अब आप कल्पना कर सकते हैं कि यह कितना प्रभावी नजरबंदी है। लेकिन आप यह न समझें कि मैं कह रहा हूँ कि वे हमेशा के लिए जेल में रहेंगे। उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा। हम चाहते हैं कि राज्य में सामान्य राजनीतिक गतिविधि बहाल हो।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया