‘सनातन धर्म के अपमान के खिलाफ बोलने से रोका गया, 2 साल से किया जा रहा प्रताड़ित’: गुजरात में कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता ने छोड़ी पार्टी, टिकट मिला फिर भी नहीं लड़ेंगे चुनाव

रोहन गुप्ता के पिता बीमार हैं, इस दौरान भी उन्हें अपमानित किया गया

गुजरात में कॉन्ग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक रोहन गुप्ता ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने इस्तीफे का पत्र और अपने व्यक्तिगत जीवन से जुड़े कड़वे अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि पिछले 3 दिनों से उनके पिता अस्पताल में हैं और इस दौरान उन्हें उनके दृष्टिकोण को समझने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि उनके पिता ने पिछले 40 वर्षों में नेताओं के धोखों और काले कारनामों के बारे में बताया और ये भी कि कैसे ये लोग ये सब कर के भी सुरक्षित निकल गए।

रोहन गुप्ता ने कहा कि इन घावों की निशानियाँ आज भी मौजूद हैं और इन्हें वो अपने पिता की आँखों में देख सकते हैं। रोहन गुप्ता ने कॉन्ग्रेस के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के एक नेता द्वारा प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता नहीं चाहते हैं कि पिछले 2 वर्षों में वो जिस मानसिक आघात से गुजरे हैं उसके बाद वो भी वही कीमत चुकाएँ जो उनके पिता ने सहा। उन्होंने बताया कि उनके पिता उनके साथ वही चीजें होने की कल्पना कर सकते थे, लेकिन वो ये सब नहीं देख पाए।

रोहन गुप्ता ने लिखा, “उन्होंने ये सब बर्दाश्त किया और अपना स्वास्थ्य खराब कर लिया, अंत में उन्हें बायपास सर्जरी करानी पड़ी। वो नहीं चाहते थे कि मुझे इससे गुजरना पड़े। हम दोनों योद्धा हैं, पिछले 40 वर्षों से पार्टी के लिए अपनी-अपनी भूमिका में लड़ रहे हैं। मैं किसी चीज से डरता नहीं हूँ, लेकिन जब मुझे धोखा देने की व्यवस्थित साजिश हो तो मैं आवाज़ उठाऊँगा। मेरी विनम्रता को मेरी कमजोरी न समझा जाए, मैंने अपना सबक सीख लिया है।”

हाल ही में रोहन गुप्ता ने अहमदाबाद पूर्व लोकसभा क्षेत्र से बतौर कॉन्ग्रेस उम्मीदवार अपना नाम वापस ले लिया था। अब उन्होंने इसे कठिन निर्णय बताया है। उन्होंने पार्टी के संचार विभाग के नेता द्वारा लगातार चरित्र हनन और अपमानित किए जाने के कारण पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि उक्त नेता पिछले 2 वर्षों से ऐसा कर रहा है, पिछले 3 दिनों में भी वो अपनी हरकत से बाज नहीं आया और आगे भी वो अअपनी करतूतें जारी रखेगा, उसे कोई रोक भी नहीं पाएगा।

निराश रोहन गुप्ता ने कहा कि वो अपने आत्म-सम्मान पर और चोट रहने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने घोषणा की कि उनकी नैतिकता उन्हें अब पार्टी में नहीं रहने दे सकती है। बकौल रोहन गुप्ता, जिस नेता की वो बात कर रहे हैं उसने अपने अहंकारी और असभ्य व्यवहार से पार्टी को भी काफी नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उसी नेता ने कट्टरपंथी मानसिकता का परिचय देते हुए सनातन धर्म के अपमान पर पार्टी में चुप्पी बनाए रखी, जिससे उन्हें व्यक्तिगत रूप से ठेस पहुँचा है।

रोहन गुप्ता के अनुसार, उन्हें भी विपक्षी नेताओं द्वारा सनातन धर्म का लगातार अपमान किए जाने के खिलाफ टीवी पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया गया। उन्होंने दावा किया कि इससे कॉन्ग्रेस की छवि और नेताओं के मनोबल को नुकसान पहुँचा है। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं के कारण ईमानदार कार्यकर्ता पार्टी छोड़ते हैं। अपना इस्तीफा-पत्र में रोहन गुप्ता ने लिखा कि राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने पिछले 13 वर्षों से पार्टी द्वारा दी गई जिम्मेदारियाँ अच्छी तरह निभाई हैं। उन्होंने अपने खिलाफ अपमानजनक अभियान चलाए जाने का भी आरोप लगाया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया