गोरखपुर के रेलवे अस्पताल की पब्लिक टॉयलेट पर राजनीति शुरू हो गई है । दरअसल गोरखपुर मेडिकल अस्पताल में सार्वजनिक टॉयलेट की दीवारों पर लाल और हरे रंग के टाइल्स लगे हुए हैं। यह बिल्कुल समाजवादी पार्टी के झंडे के रंग का है। टॉयलेट का रंग देखकर समाजवादी पार्टी ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया।
https://twitter.com/samajwadiparty/status/1321651565426438144?ref_src=twsrc%5Etfwअपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए पार्टी ने रेलवे अस्पताल के शौचालयों की तस्वीरें भी साझा की और लिखा, “दूषित सोच रखने वाले सत्ताधीशों द्वारा राजनीतिक द्वेष के चलते गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना! एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के ध्वज के रंगों का अपमान घोर निंदनीय। संज्ञान ले हो कार्रवाई, तत्काल बदला जाए रंग।”
ट्वीट करते हुए समाजवादी पार्टी ने साफ़ तौर पर आरोप लगाया कि सरकार ने पार्टी का अनादर करने के लिए टॉयलेट के लिए टाइल्स पर जानबूझकर रंगों का इस्तेमाल किया है।
वहीं सपा के ट्वीट पर पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) ने जवाब देते हुए स्पष्ट किया, “टाइल्स को लगाने का उद्देश्य बेहतर साफ सफाई सुनिश्चित करना है। इसका किसी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। आइए मिलकर स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग करें।” रेलवे ने बताया कि ये टाइल्स स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत काफी पहले लगाई गई थीं। इसका किसी राजनीतिक दल या राजनीति से कोई सम्बन्ध नहीं। साथ ही कहा समाजवादी पार्टी से स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग करने का आग्रह किया।
https://twitter.com/samajwadiparty/status/1321651565426438144?ref_src=twsrc%5Etfwअखिलेश यादव ने जब सरकारी आवास के उखड़वाए थे टाइल्स
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर आरोप लगा था कि उन्होंने सरकारी आवास को खाली करने से पहले उसे काफी नुकसान पहुँचाया था। कथित तौर पर अखिलेश यादव ने करोड़ों के बंगले में शिफ्ट होने से पहले अपने सरकारी घर में बने जिम को तोड़ दिया, घर में लगे पौधों, दर्पणों और संगमरमर की टाइलों को निकाल लिया था और यहाँ तक कि जाने से पहले उन्होंने स्विमिंग पूल में टाइल्स को भी उखड़वा दिया था। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने सरकारी बंगले से बाथरूम की फिटिंग भी हटा दी थी।
वहीं इस खबर के वायरल होने और जनता में उनकी थू-थू होने के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों को 11 लाख रुपए की पेशकश करते हुए उन पत्रकारों के नाम बताने की अपील की, जिन्होंने सरकारी आवास में हुए नुकसान की तस्वीरें और वीडियो लिए थे।