ओवैसी की मुस्लिम-यादव चाल: बिहार चुनाव से पहले देवेन्द्र यादव के साथ गठबंधन, RJD ने कहा – ‘वोट कटवा’

गठबंधन में बिहार चुनाव लड़ेगी ओवैसी की पार्टी (साभार - thesamikhsya)

एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को पटना में प्रेस वार्ता करते हुए बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक अहम ऐलान किया। उन्होंने बताया कि एआईएमआईएम और पूर्व केन्द्रीय मंत्री देवेन्द्र यादव की पार्टी समाजवादी जनता दल गठबंधन बना कर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

इस गठबंधन का नाम यूडीएसए (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक सेक्युलर अलायन्स) तय किया गया है। आगामी 24 सितंबर तक सीटों के चयन पर निर्णय लिया जाएगा। 

ओवैसी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा ‘वोट कटवा’ कहे जाने के सवाल पर भी अपना पक्ष रखा। ओवैसी ने कहा:

“जितने लोग हमें वोटकटवा कहते हैं, वह 2019 के लोकसभा चुनावों में अपना हश्र याद कर सकते हैं। चुनावों में उन तथाकथित ठेकेदारों का क्या हुआ था, यह बात हम सभी जानते हैं। ऐसा नहीं हो सकता कि मुस्लिम मत किसी एक ही राजनीतिक दल का एकाधिकार हो। मुझे तो यह बात समझ नहीं आती है कि कोई नेता मुस्लिम मतों पर किस अधिकार से दावा करता है। असल मायनों में अगर कोई भाजपा की जीत के लिए ज़िम्मेदार है, तो वह राजद है।” 

फिर ओवैसी ने कहा कि लोग उन पर ऐसा आरोप लगाते हैं कि वो एक धर्म की राजनीति करते हैं जबकि यह सरासर गलत है। इसके बाद ओवैसी से अलकायदा के 9 संदिग्ध सदस्यों की गिरफ्तार पर सवाल किया गया। इस सवाल का जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा यह कार्रवाई जाँच एजेंसी एनआईए ने की है, बहुत जल्द पूरी बात सामने आएगी कि वह कौन लोग हैं।

राजद द्वारा अहमियत नहीं दिए जाने पर ओवैसी ने कहा, “हम तो ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार हैं लेकिन बिहार की आम जनता यह बखूबी समझती है कि कौन किसे भाव दे रहा है। इस चुनाव में भी नतीजे आने पर सब कुछ साफ़ हो जाएगा।” 

इसके बाद समाजवादी जनता दल के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने भी प्रेस वार्ता में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार में विपक्ष पूरी तरह निष्क्रिय है, वह अपनी ज़िम्मेदारी सही से नहीं निभा रहा है। मज़दूरों को पलायन करना पड़ता है, राज्य में बेरोज़गारी चरम पर है, लोग रोज़गार के लिए दूसरे राज्यों की तरफ जाते हैं।

देवेन्द्र यादव के अनुसार बीते कई सालों से बिहार की फैक्ट्रियाँ और मिलें बंद पड़ी हैं, उन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। पिछले 3 दशकों में जितने भी राजनीतिक दल सत्ता में आए, सभी ने बिहार का हाल बेहाल ही किया है। बिहार में बहुत कुछ सुधारने की ज़रूरत है और यह तभी संभव होगा जब जनता चाहेगी।   

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया