पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के चुनाव (10 अप्रैल 2021) के दौरान कूचबिहार जिले के सीतलकुची में सेंट्रल फोर्स की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में एक महीने बाद सोमवार (10 मई 2021) को पश्चिम बंगाल की सीआईडी ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत CISF के 6 जवानों को समन जारी किया है, जिसमें दो अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि थाने में तैनात एएसआई रैंक के दो अधिकारियों सुब्रत मंडल और राफा बर्मन को पूछताछ के लिए मंगलवार को बुलाया गया है। वहीं, CISF के 6 जवानों को समन भेजने पर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि CID जबरदस्ती राजनीति से प्रेरित होकर काम कर रही है, उनको बुलाने का कोई अधिकार नहीं है।
https://twitter.com/ANI/status/1391700040553361415?ref_src=twsrc%5Etfwनंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया है। उन्होंने कहा कि मैं राज्य के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करूँगा। मैं इसके सकारात्मक प्रयासों के लिए सरकार की मदद करूँगा, लेकिन राज्य में हो रही हिंसा के खिलाफ अपनी आवाज भी उठाऊँगा।
https://twitter.com/ANI/status/1391694850240569349?ref_src=twsrc%5Etfwशुभेंदु अधिकारी ने सीतलकुची मामले पर कहा कि यह CID के दायरे में नहीं आता है, क्योंकि CRPF और CISF गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। CID ममता बनर्जी और TMC के निर्देश पर काम कर रही है।
https://twitter.com/ANI/status/1391695818910932992?ref_src=twsrc%5Etfwपश्चिम बंगाल में चौथे चरण के चुनाव के दौरान कूच बिहार जिले के सीतलकुची में सेंट्रल फोर्स की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना को लेकर यह भी कहा गया था कि सीआईएसएफ के जवानों ने अपनी आत्मरक्षा के लिए फायरिंग की थी। पश्चिम बंगाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनते ही ममता बनर्जी ने इस मामले की जाँच के लिए SIT का गठन किया था।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अप्रैल 10, 2021 को विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 44 सीटों पर मतदान हो रहे थे। इस दौरान कूच बिहार में फायरिंग में 4 लोग मारे गए। कूच बिहार के सीतलकुची में वोटिंग करने के लिए मतदान केंद्र पर लाइन में खड़े एक 18 साल के युवक की भी हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार हिंसक भीड़ ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बलों (सीआईएसएफ) की एक टीम पर हमला कर हथियार छीनने का प्रयास भी किया था, जिसके बाद आत्मरक्षा में सीआईएसएफ की टीम को मजबूरी में ओपन फायर करना पड़ा था।
इस फायरिंग में चार उपद्रवियों मोनिरुज्जमान, हमीदुल मियाँ, नूर अल्मा मियाँ और समीउल हक की मौत हो गई थी। हालाँकि, मामले को राजनैतिक रंग देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केन्द्रीय बलों ने वोटिंग के लिए लाइन में खड़े व्यक्तियों पर गोली चलाई है।