Thursday, November 21, 2024
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न पीने का पानी, न टॉयलेट की व्यवस्था: केजरीवाल सरकार से नाराज होकर कर्मचारियों ने ₹23 करोड़ के स्मॉग टावर पर जड़ा ताला, वेतन न देने का आरोप

कनॉट प्लेस में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें दिसंबर 2023 से ही वेतन नहीं मिला है। आगे भी नौकरी की कोई गारंटी दिल्ली सरकार दे नहीं रही है। इसलिए वो स्मॉग टॉवर के काम को बंद कर रहे है।

दिल्ली में स्मॉग टॉवर बंद कर दिया गया है। समय से वेतन न मिलने की वजह से परेशान कर्मचारियों ने स्मॉग टॉवर को ऑफ करके गेट पर ताला जड़ दिया है। इस स्मॉग टॉवर की कीमत 23 करोड़ रुपए है, जो साल 2021 में बड़े जोर शोर से अरविंद केजरीवाल की सरकार ने लगवाए थे। दावा था कि इससे प्रदूषण से निपटने में मदद मिलेगी, लेकिन अब खबर है कि जो लोग इसे चलाने के लिए काम कर रहे हैं उन्हें ही अरविंद केजरीवाल की सरकार समय से वेतन जारी नहीं कर रही है। इससे परेशान होकर कर्मचारियों ने स्मॉग टॉवर फैसिलिटी को ही बंद कर दिया है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक तरफ तो दिल्ली में धुँध और ठंड से लोग ठिठुर रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रदूषण की वजह से लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है। वहीं, प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के नाम पर दिल्ली में कई जगहों पर लगाए स्मॉग टॉवर बंद हो रहे हैं। इनमें से प्रमुख स्मॉग टॉवर दिल्ली के बीचो-बीच कनॉट प्लेस में लगाया गया था, अब वही बंद हो गया है। इसे यहाँ पर तैनात कर्मचारियों ने बंद कर दिया, क्योंकि सरकार उन्हें समय पर वेतन नहीं दे पा रही।

कनॉट प्लेस में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें दिसंबर 2023 से ही वेतन नहीं मिला है। आगे भी नौकरी की कोई गारंटी दिल्ली सरकार दे नहीं रही है।

बता दें कि कनॉट प्लेस में लगाए गए इस स्मॉग टॉवर के देखरेख और संचालन का जिम्मा विबग्योर कंसल्टिंग फर्म के पास है, जिसने 13 कर्मचारियों की तैनाती यहाँ पर की है। महिपाल बिष्ट उन्हीं कर्मचारियों में से एक हैं।

वह मीडिया से बातचीत में कहते हैं, “ये टॉवर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी) के साथ ही एनबीसीसी और विबग्योर कंपनी चलाती है। अप्रैल 2023 में ही इसके ऑपरेशन बंद हो गए थे। लेकिन सप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई तो नवंबर 2023 से इसे फिर से चलाया गया। हमें डीपीसीसी ने बुलाया और 8 नवंबर 2023 से इसे फिर से चलाया गया। लेकिन हमारा वेतन समय से नहीं दिया जाता। दिसंबर का वेतन अभी आया नहीं है। हमारी कंपनी ने दिल्ली सरकार की ओर से भी काम जारी रखने का कोई निर्देश नहीं दिया है। ऐसे में हमारे पास यही रास्ता है कि हम यहाँ पर ताला लगा दें।”

यहाँ तैनात कर्मचारियों ने स्मॉग टॉवर की बदहाली का रोना भी रोया। उन्होंने कहा कि यहाँ पीने का पानी और टॉयलेट तक नहीं है। ये छोड़िए, यहाँ तो पेचकस तक नहीं है। यहाँ के कर्मचारियों ने तो यहाँ तक कहा कि ये स्मॉग टॉवर पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा है। इसमें 5000 फिल्टर लगाए गए हैं, लेकिन उसमें से अधिकतम पुराने हो चुके हैं और उन्हें बदलने की भी जरूरत है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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