आपको हिज्बुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बुरहान वानी याद है? हाँ, वही जिसे 6 जुलाई, 2016 को भारतीय सेना ने मार गिराया था। इसके बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने उसकी ‘अंतिम यात्रा’ निकाली थी, जिसमें भारत विरोधी नारे लगे थे और हजारों लोग जुट गए थे। ये तो बात थी पुराने जम्मू कश्मीर की। अब बुरहान वानी के अब्बा मुजफ्फर वानी ने जम्मू कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया है। मुजफ्फर वानी द्वारा तिरंगा फहराने की तस्वीरें व वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
https://twitter.com/vinayvaani/status/1426792142882500609?ref_src=twsrc%5Etfwये नया जम्मू कश्मीर है, जहाँ अब आतंकियों की ‘अंतिम यात्राएँ’ नहीं निकाली जातीं और जहाँ श्रीनगर का लाल चौक भी तिरंगे से जगमग हुआ रहता है। जहाँ आतंकियों का सफाया होता है और आम लोगों की मदद की जाती है। लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनने जा रहा है और जम्मू कश्मीर में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है। ऐसे में आतंकियों व अलगाववादियों के लिए वहाँ कोई जगह नहीं है।
https://twitter.com/TheSkandar/status/1426762466122362885?ref_src=twsrc%5Etfwबुरहान वानी के अब्बा मुजफ्फर ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा के एक स्कूल में 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लेते हुए रविवार (15 अगस्त, 2021) को ध्वजारोहण किया। फिर उन्होंने राष्ट्रगान जन-गण-मन भी गाया। मुजफ्फर वानी त्राल के सरकारी कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। दक्षिण कश्मीर में जब आतंकी बुरहान वानी को मार गिराया गया था, तब इस्लामी कट्टरपंथियों के 5 महीने तक राज्य में हिंसा की थी।
https://twitter.com/MeghaChavan17/status/1426792388974944257?ref_src=twsrc%5Etfwतब 100 से अधिक लोग मारे गए थे और कई घायल हुए थे। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत सभी शैक्षिक संस्थानों और शिक्षा विभाग से जुड़े दफ्तरों में तिरंगा फहराया जाना है। कई लोगों ने बुरहान वानी के अब्बा मुजफ्फर वानी द्वारा तिरंगा झंडा फहराए जाने पर प्रतिक्रिया दी। डॉक्टर विनायक दुबे ने लिखा, “भय बिनु होई न प्रीति – ऐसा भगवान श्रीराम ने कहा है।” एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि 2014 से यही बदलाव हुआ है।
यह भरपूर तमाचा है कश्मीरी नेताओं पर जो कहा करते थे की धारा 370 के हटने के बाद तिरंगा थामने वाला कोई नहीं रहेगा। समय के साथ कश्मीर का संस्कार भी बदल रहा है और आशा करता हूं कि कश्मीरी नेता और भटके हुए नौजवान भी मुख्यधारा में शामिल होंगे।#जय_हिंद 🇮🇳🇮🇳
— NIRANJAN KUMAR (@Nk461512) August 15, 2021</blockquoteमेघा चव्हाण नाम की यूजर ने इस घटना पर ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का टैग लगाया तो किसी ने लिखा कि ये उन कश्मीरी नेताओं के मुँह पर एक भरपूर तमाचा है, जो ये कहते थे कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं बचेगा। एक ने लिखा, “अभी तो पिक्चर शुरू हुई है।” लोगों ने कहा कि यही तो ‘अच्छे दिन’ हैं। एक यूजर ने पूछा – ‘और कितने अच्छे दिन चाहिए मित्रों?’