TMC के गुंडों ने BJP कार्यकर्ताओं को गाड़ी से निकाल-निकाल कर लाठी-डंडों से पीटा: अमित शाह की रैली से लौट रहे थे

भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले के दौरान गाड़ियों में भी हुई तोड़फोड़

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने (शनिवार दिसंबर 19, 2020) को एक विशाल जनसभा को सम्बोधित किया, जिसमें शुभेंदु अधिकारी सहित पश्चिम बंगाल की 3 राजनीतिक पार्टियों के 11 विधायकों ने भाजपा का दामन थामा। लेकिन, इस दौरान भी भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले बंद नहीं हुए। रैली से लौटते समय भाजपा के कई कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमला कर दिया गया।

इस हमले में भाजपा के 15 कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जिनमें से 6 का इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है। इन्हें काफी चोटें आई हैं। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ियों को भी खासा नुकसान पहुँचाया गया है। हमेशा की तरह इस हमले के पीछे भी पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी TMC का हाथ बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि दक्षिण बंगाल में अपना गढ़ हाथ से फिसलने से पार्टी नेता बौखलाए हुए हैं।

भाजपा ने कहा है कि TMC के गुंडों ने ही कार्यकर्ताओं पर हमला किया है। ये सभी शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने से आक्रोशित हैं। इस हमले के दौरान अधिकारी के खिलाफ नारेबाजी भी की गई। तृणमूल कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगा है कि वो अमित शाह की रैली में कड़ी सुरक्षा के कारण व्यवधान नहीं डाल पाए तो उन्होंने रैली से लौट रहे साधारण कार्यकर्ताओं को ही अपना निशाना बना लिया।

केशपुर में हुई इस घटना में भाजपा कार्यकर्ताओं को गाड़ी से निकाल-निकाल कर लाठी-डंडों से पीटा गया। सांसद नितीश प्रमाणिक ने इस घटना के बारे में कहा, “फौलाद के बने हैं भाजपा कार्यकर्ता।जितना जुल्म बंगाल की सरकार हम पर करेगी, हम उतने ही मजबूत होंगे। फिर से राज्य सरकार द्वारा आश्रित गुंडों ने अमित शाह जी के रैली से लौट रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ियों पर तोड़फोड़ किया। मैं कड़े शब्दों से इसकी निंदा करता हूँ।”

भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला (वीडियो साभार: Republic)

उधर शुभेंदु अधिकारी ने एक पत्र के जरिए जमीनी कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है, जहाँ 2021 में यहाँ की जनता को एक ऐसा निर्णय लेना है – जो सब कुछ हमेशा के लिए बदल देगा। उन्होंने कहा कि न तो ये राज्य और न ही TMC किसी की जागीर है। उन्होंने लिखा कि कई लोगों ने कई दिनों तक न जाने कितनी मेहनत की है, जिसके बाद तृणमूल को सत्ता मिली।

ममता सरकार से इस्तीफा देने वालों में शुभेन्दु अधिकारी, बैरकपुर विधानसभा क्षेत्र के टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्ता, उत्तरी काठी से विधायक बनाश्री मैती, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महासचिव टीएमसी नेता कबीरुल इस्लाम, टीएमसी के नेता और दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम (SBSTC) के अध्यक्ष (Rtd) कर्नल दिप्तांगशु चौधरी और अभिजीत आचार्य जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह का मानना है कि अगले साल जनवरी तक टीएमसी के 60 से 65 विधायक उनके साथ आ सकते हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया