कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक मनिरुल इस्लाम ने बीजेपी जॉइन कर ली है। इसके अलावा टीएमसी नेता गदाधर हाज़रा, मोहम्मद आसिफ इकबाल और निमाई दास ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है। कैलाश विजयवर्गीय के साथ मुकुल रॉय की मौजूदगी में ये सभी नेता दिल्ली में आज (मई 29, 2019) को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी में शामिल हुए हैं।
https://twitter.com/ANI/status/1133688380321959936?ref_src=twsrc%5Etfwइससे पहले भी मंगलवार (मई 28, 2019) को टीएमसी के 2 विधायकों और 50 से अधिक पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि हम 7 चरणों में टीएमसी विधायकों को बीजेपी में शामिल करवाएँगे। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में चुनाव भी 7 चरणों में संपन्न हुए थे। जिसके बाद विजयवर्गीय ने चुनाव के 7 चरणों की तरह ही विधायकों को बीजेपी के साथ जोड़ने का ऐलान किया था।
https://twitter.com/BJP4India/status/1133687030645309442?ref_src=twsrc%5Etfwबता दें कि इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यह कहकर बंगाल के सियासत में हलचल मचा दी थी कि ‘दीदी आपके 40 विधायक हमारे संपर्क में हैं।’
विधायकों के लागातर पार्टी छोड़ना तृणमूल के लिए खतरे की घंटी है। ममता बनर्जी भी इससे खीझी हुईं हैं। उनकी यह खीज किसी न किसी बहाने लगातार बाहर आ रही है। यहाँ तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्यौता भेजा था, जिसे उन्होंने स्वीकार करने के बाद यू-टर्न लेते हुए अस्वीकार कर दिया।
ममता बनर्जी ने एक चिट्ठी जारी कर लिखा कि बीजेपी ने इस कार्यक्रम में मृत बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिवार वालों को बुलाया है और इसे राजनीतिक हत्या करार दिया है। ममता ने कहा कि ये राजनीतिक हत्या नहीं, बल्कि आपसी रंजिशों के मामले हैं।
ममता बनर्जी ने चिट्ठी में लिखा था, “बधाई, नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, आपके संवैधानिक आमंत्रण को मैंने स्वीकार कर लिया था और आपके शपथ ग्रहण समारोह में मैं आने को तैयार थी। लेकिन पिछले कुछ समय में मैंने रिपोर्ट्स देखी हैं कि भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि उन्होंने बीजेपी के उन 54 कार्यकर्ताओं के परिवार को भी न्यौता दिया है जिनकी बंगाल में राजनीतिक हत्या कर दी गई है।”