उत्तर प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था का राज़ कायम करने के लिए सरकार बड़ा क़दम उठाने का संकेत दे रही है। पुलिसिया व्यवस्था में आमूल-चूल परिवर्तन का इशारा ख़ुद डीजीपी ओपी सिंह ने किया है। सिंह ने कहा है कि लखनऊ और नोएडा में ‘कमिश्नर सिस्टम’ की व्यवस्था लागू की जा सकती है, ताकि दोनों क्षेत्रों में अपराधियों से सख्ती से निपटा जा सके। गुरुवार (जनवरी 9, 2020) को लखनऊ के वरिष्ठ एसपी का गाज़ियाबाद ट्रांसफर करने और गौतम बुद्ध नगर के एसएसपी को निलंबित करने का आदेश जारी किया गया था।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि उपर्युक्त दोनों क्षेत्रों के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने के विषय में विचार किया जा रहा है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद इंपेक्टर जनरल ऑफ पुलिस, अर्थात आईजी रैंक के पुलिस अधिकारियों के पास अतिरिक्त मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ आ जाएँगी। अब तक ये व्यवस्था देश भर में 15 राज्यों के 71 शहरों में लागू की गई है।
हालाँकि, इससे पहले भी यूपी में ये व्यवस्था लागू की गई थी लेकिन आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के टकराव के बाद इसे टाल दिया गया था। अब प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चल रही मजबूत इच्छाशक्ति वाली सरकार अपराध से निपटने के लिए ऐसी व्यवस्था लाने पर विचार कर रही है। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक ने दिसंबर 2018 में यूपी सरकार को सलाह दी थी। उन्होंने योगी सरकार से कहा था कि राज्य में क़ानून-व्यवस्था को और तगड़ा करने के लिए कमिश्नर सिस्टम लागू करने पर विचार करना चाहिए। उन्होंने सीएम योगी की उपस्थिति में एक कार्यक्रम के दौरान यह सलाह दी थी।
https://twitter.com/PTI_News/status/1215561976400596992?ref_src=twsrc%5Etfwनाइक ने कहा था कि लखनऊ, गाजियाबाद और कानपुर में ये व्यवस्था सबसे पहले ट्रायल के रूप में लागू की जानी चाहिए, क्योंकि इन तीनों शहरों की जनसँख्या 20 लाख के पार है। अभी तक नई व्यवस्था के प्रारूप के बारे में कुछ ख़ास पता नहीं चला है, लेकिन इससे पुलिस को आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम की अनुमति लेने से आज़ादी मिल जाएगी। जिले में डीएम के पास रहने वाली तमाम फाइलों के निपटारे में पुलिस कमिश्नर अहम फ़ैसले ले सकेंगे। गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट और रासुका जैसे मामलों में फिलहाल डीएम की अनुमति चाहिए होती है।
https://twitter.com/ians_india/status/1215838930546888704?ref_src=twsrc%5Etfwइस सिस्टम के लागू होने के बाद से होटल के लाइसेंस, बार के लाइसेंस और हथियार के लाइसेंस देने का अधिकार भी पुलिस को मिल जाएगा। नोएडा और लखनऊ में एसएसपी के हटने के बाद इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा सकता है। इसके बाद से डीएम की कुछ शक्तियाँ पुलिस कमिश्नर के पास चली जाती हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सम्बन्ध में बैठकें भी की हैं।