टिकट मिलने के बाद भी छोड़ा ममता का हाथ: सरला मुर्मू के साथ 5 विधायक हुए बीजेपी के, TMC के लिए संकट गहराया

TMC के पाँच नेता बीजेपी में शामिल (साभार: ANI)

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक सियासी उथल-पुथल सामने आ रही है। ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी छोड़कर पहले ही कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। सोमवार (मार्च 8, 2021) को टीएमसी के 5 विधायकों ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। जिन टीएमसी नेताओं ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ा है, उनमें सोनाली गुहा, दीपेंदू बिस्वास, रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य, जटू लाहिड़ी, शीतल सरदार और हबीबपुर से टीएमसी उम्मीदवार सरला मुर्मू शामिल हैं।

https://twitter.com/ANI/status/1368883722208956418?ref_src=twsrc%5Etfw

इन सभी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन किया। रबिन्द्रनाथ भट्टाचार्य 2001 से सिंगुर विधानसभा सीट से टीएमसी के विधायक रहे हैं। वो सिंगुर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। इस बार टीएमसी ने उनको टिकट नहीं दिया था।

टीएमसी ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी ने हबीबपुर निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बदला है। टीएमसी ने इसके पीछे कारण दिया कि सरला मूर्मू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। टीएमसी के लिए पहला मामला है, जब किसी उम्मीदवार ने पार्टी की ओर से टिकट मिलने के बाद पार्टी छोड़ दी हो। सरला मुर्मू के अलावा टीएमसी के 14 अन्य नेताओं के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें थी। इसमें जिनमें मालदा जिला परिषद के अध्यक्ष गौर चंद्र मंडल और टीएमसी के कॉर्डिनेटर अमलान भादुड़ी का भी नाम सामने आ रहा था।

हालाँकि, मुर्मू से इस संबंध में अभी तक कोई खुलासा नहीं किया है। तृणमूल और भाजपा के बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ‘करो या मरो’ के जबरदस्त मुकाबले में किसी उम्मीदवार को बदलने का यह पहला मामला है। बता दें कि मालदा जिले में 26 और 29 अप्रैल को दो चरणों में चुनाव होना है।

मालदा जिले में 12 विधानसभा सीट हैं। इस चुनाव में टीएमसी ने उम्मीदवारी के लिए कई मशहूर हस्तियों, महिलाओं और युवाओं को आगे रखा है। टीएमसी ने अब तक 294 में से 291 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। वहीं तीन सीट उसने अपने सहयोगी दल को दी हैं। 2016 के चुनाव में इस सीट से टीएमसी का सूपड़ा साफ हो गया था और भाजपा के झोले में दो सीटें आई थीं। वहीं कॉन्ग्रेस ने सबसे ज्यादा आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया