‘…जो सावरकर का विरोध करते हैं, उन्हें 2 दिन के लिए अंडमान जेल भेजो, बलिदान का एहसास हो जाएगा’

संजय राउत (फाइल फोटो)

शिवसेना सांसद संजय राउत ने वीर सावरकर को लेकर फिर एक बार कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं वे किसी भी विचारधारा या पार्टी से हों, उन्हें दो दिन के लिए अंडमान के सेल्यूलर जेल में भेज दो। जहाँ सावरकर को बंधक बनाया गया था। तब उन्हें उनके बलिदान और उनके योगदान का अहसास होगा। बता दें कि कॉन्ग्रेस के सीनियर नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक दिन पहले ही यह बयान दिया था कि सावरकर के अंग्रेजों से माफी माँगने की बात मिटाई नहीं जा सकती है। ऐसे में अगर नरेंद्र मोदी सरकार सावरकर को भारत रत्न देती है तो पार्टी इसका विरोध करेगी

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उल्लेखनीय है कि इससे पहले सावरकर को लेकर कॉन्ग्रेस के सेवा दल की किताब ‘वीर सावरकर कितने वीर’ में किए गए दावे पर भी संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। संजय राउत ने कहा था कि सावरकर महान थे और महान रहेंगे। जो लोग उनकी देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं और उनकी आलोचना कर रहे हैं, उनके दिमाग में गंदगी भरी है।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के भोपाल में कॉन्ग्रेस द्वारा चलाए जा रहे अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस सेवा दल के प्रशिक्षण शिविर में विनायक दामोदर सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर कॉन्ग्रेस द्वारा जारी की गई विवादित पुस्तिका में दावा किया गया था, “महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के साथ हिंदू महासभा के सह-संस्थापक का शारीरिक संबंध था।”

इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा था कि ‘मेरा नाम राहुल सावरकर’ नहीं है। इस पर संजय राउत ने कहा था कि हिंदुत्व विचारक के प्रति श्रद्धा को लेकर कोई “समझौता” नहीं किया जा सकता। संजय राउत ने कहा था, “वीर सावरकर को लेकर राहुल गाँधी ने जो कुछ भी कहा, वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के नेताओं से अपील करता हूँ कि वो वीर सावरकर के साहित्य को राहुल गाँधी को भेजें। महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के नेताओं को दिल्ली जाकर राहुल गाँधी को सावरकर की किताबें गिफ्ट करनी चाहिए, ताकि वो सावरकर को समझ सकें और उनकी गलतफहमी दूर हो सके। कॉन्ग्रेस नेताओं को राहुल गाँधी को यह भी बताना चाहिए कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों के खिलाफ किस तरह संघर्ष किया था और लड़ाई लड़ी थी।”

संजय राउत ने ट्वीट करते हुए लिखा था, ‘‘वीर सावरकर न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे देश के लिए आदर्श हैं। सावरकर का नाम राष्ट्र और स्वयं के बारे में गौरव को दर्शाता है। नेहरू और गाँधी की तरह सावरकर ने भी देश के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया। ऐसे प्रत्येक आदर्श को पूजनीय मानना चाहिए। इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया