रच दिया नया इतिहास: पाकिस्तानी हिंदू महिला भारत में बनीं सरपंच, 5 महीने पहले ही मिली थी नागरिकता

नीता कँवर बनीं सरपंच, लोगों को दिया धन्यवाद (फ़ाइल फ़ोटो)

राजस्थान के पंचायती चुनाव ने शुक्रवार (17 जनवरी) को एक नया इतिहास रच दिया। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब पाकिस्तान मूल की रहने वाली कोई महिला सरपंच बनी हो। पंचायत चुनाव के पहले चरण में टोंक के नटवाड़ा से पाकिस्तान के सिंध से भारत लौटीं नीता कँवर (36 वर्षीय) ने सरपंच का चुनाव जीत लिया है।

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शुक्रवार को पहले चरण के लिए राजस्थान की 2726 ग्राम पंचायतों पर वोटिंग हुई। 17,000 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे, लेकिन सभी की निगाहें पाकिस्तान की मूल निवासी नीता कँवर पर टिकी थीं। टोंक ज़िले की नटवाड़ा ग्राम पंचायत की उम्मीदवार नीता कँवर को 2,494 वोटों में से 1,073 वोट मिले। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंदी सोना देवी को 362 वोटों से मात दी। बता दें कि टोंक ज़िले की नटवाड़ा ग्राम पंचायत में सात महिलाओं ने इस पद के लिए चुनाव लड़ा था।

दरअसल, नीता पाकिस्तान के सिंध प्रांत की निवासी थीं और पाँच महीने पहले ही उन्हें भारत की नागरिकता मिली। जीत दर्ज़ करने के बाद नीता ने कहा, “मैं सभी ग्रामीणों को धन्यवाद देना चाहती हूँ जिन्होंने मुझे सपोर्ट करके मुझे जीत दिलाई। मैं अपनी पूरी ईमानदारी के साथ काम करूँगी और पंचायत के विकास के लिए कड़ी मेहनत करूँगी।” इसके साथ उन्होंने अपने ससुर का भी धन्यवाद दिया क्योंकि उन्होंने इस चुनाव में उनका बहुत साथ दिया था।

बता दें कि नीता ने जिस सीट से मैदान में थीं उस पर उनके ससुर का क़ब्ज़ा था। वह टोंक जिले के उपखंड निवाई की पंचायत नटवाड़ा के एक राजपूत परिवार की बहू हैं। दैनिक भास्कर ने नीता के हवाले से बताया है की 2011 में उनकी शादी पुण्य प्रताप करण से हुई थी। उनके ससुराल की पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है। राजनीति में आने की प्रेरणा उन्हें अपने ससुर ठाकुर लक्ष्मण करण से ही मिली थी।

ग़ौरतलब है कि भारत आने के 18 साल बाद नीता कंवर को पिछले साल सितंबर में नागरिकता मिली थी। वह 2001 में अपनी बड़ी बहन अंजना सोढा के साथ पाकिस्तान के सिंध के मीरपुर-खास से राजस्थान के जोधपुर आई थीं। उन्होंने 17 जनवरी को नामांकन दाखिल किया। उनका कहना है कि सीएए के जरिए भारत में अच्छा जीवन-यापन करने और अच्छी शिक्षा हासिल करने में मदद मिलेगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया