अजमेर दरगाह के दीवान सैयद ज़ैनुल आबेदीन ने जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय मुस्लिम पाकिस्तान और उसके झूठ का समर्थन नहीं करते।
आबेदीन ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का सरकार का निर्णय सही निर्णय था। उन्होंने कहा कि मीडिया चैनल के माध्यम से, वह पाकिस्तान और उसके नेताओं को एक संदेश भेजना चाहते हैं कि वो जो भारतीयों को देश के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहे हैं और ये उम्मीदें पाले बैठे हैं कि वो उनका समर्थन करेंगे, उनकी ये कोशिश और उम्मीदें बुरी तरह से असफल हो जाएँगी।
इतना ही नहीं, ज़ैनुल आबेदीन ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से कोई और युद्ध होता है, तो देश के अल्पसंख्यक भारतीय सशस्त्र बलों के साथ खड़े होंगे और युद्ध के मैदान में पाकिस्तान का सामना करेंगे।
सैयद ज़ैनुल आबेदीन ने कहा कि भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके, कश्मीर मुद्दे को लगभग हल कर लिया है। उन्होंने कहा, “हर भारतीय को सरकार के फैसले पर गर्व होना चाहिए। कुछ लोग इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि गलत है। यह किसी भी तरह से धर्म से संबंधित नहीं है और भारत के मुस्लिमों को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए।”
अजमेर दरगाह के प्रमुख ने सभी कश्मीरी पुरुषों और महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि वो सरकार के फैसले का समर्थन करें, मुख्य धारा का हिस्सा बनने और देश के कानूनों और नीतियों से लाभ उठाने का सुनहरा अवसर प्राप्त करें।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सैयद ज़ैनुल आबेदीन ने गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया था और मजहब विशेष से हिंदुओं के साथ सांप्रदायिक सद्भाव स्थापित करने के लिए बीफ (गोमांस) का सेवन न करने का आग्रह किया था। हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना महमूद मदनी ने भी पीएम मोदी के फैसले का समर्थन किया था और कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन कश्मीरियों के लिए हानिकारक है।