अलीगढ में दर्जन भर गायों को दफनाने का मामला; नाराज ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

ये चित्र सिर्फ दर्शाने के लिए है।

अलीगढ के इगलास थाना इलाके में मथुरा रोड पर अज्ञात लोगों ने नहर किनारे एक गड्ढे में जिंदा गायों को दफन करने का मामला सामने आया है। कहा जा रहा है कि सुबह जब लोग खेत में पहुंचे तो उन्हें इसकी भनक लगी और फिर उन्होंने उन गायों को नकालने के लिए जद्दोजहद शुरू कर दी। इतने में वहां सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठे हो गए और उन्होंने पुलिस तथा प्रसाशन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। ख़बरों के अनुसार पुलिस ने मौके पर पहुँच कर लोगों को समझा-बुझा कर शांत कराया। पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) मणिलाल पाटीदार ने इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए कहा;

“हो सकता है यह गोवंश पूर्व में नहर किनारे दफन कर दी गई हों, जो आज कुछ लोगों को दिखाई दे गई हैं। लोगों ने इसे बढ़ाचढ़ाकर पेश किया और उपद्रव किया है। उपद्रवियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

एसपी के बयान से लग रहा है कि पुलिस का मानना है कि गायों को काफी पहले मरने के बाद यहाँ दफ़न किया गया होगा और कुछ लोगों ने इसके मद्देनजर अफवाह फैला दी। दरअसल ये मामला टीकापुर गावं का है जहां नहर के किनारे बुधवार की रात कई गायों को मृत समझ कर दफनाया गया था। ऐसे में सुबह खेतों में काम करने पहुंचे किसानों ने ये देखा और फिर ग्रामीणों को इसकी सूचना दी जीके पाद प्रदर्शन और नारेबाजी चालू हो है। लोगों का कहना है कि करीब एक दर्जन गायों को ज़िंदा दफना दिया गया है। ताजा सूचना मिलने तक पुलिस ने मृत गायों को पोस्टमोर्टेम के लिए अस्पताल भेज दिया है।

पुलिस का दावा ग्रामीणों के उलट है। पुलिस ये मान कर चल रही है कि यहाँ ज़िंदा नहीं बल्कि मृत गायों को ही दफनाया गया था। मालूम हो कि अलीगढ़ में बुधवार को सैकड़ों किसानों द्वारा गायों से अपनी फसलें बचाने के लिए गायों को एक प्राइमरी स्कूल में बंद करने की खबर आई थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने नहर किनारे गाय के शरीर के कुछ टुकड़े देखे और ताजा बंद किये गए गड्ढों को देख कर उन्होंने खुदाई का फैसला लिया। बाद में मशीन से भी खुदाई की गई। ग्रामीणों ने कहा कि एक ज़िंदा गाय को भी गड्ढे ने निकाला गया जो कि कुछ देर बाद ही मर गई। गोरक्षा वाहिनी ने इसे हिन्दू धर्म पर चोट करने की साजिश करार दिया है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. केवी वार्ष्णेय ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा;

“कुल 12 गायों का पोस्टमॉर्टम किया गया। उन गायों की मौत दम घुटने के कारण हुई थी। पांच गायों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। मुझे नहीं पता कि वे गायें उसी जगह से खोदकर लाई गई थीं या कहीं और से यहां लाई गई हैं।”

वहीं डीएम सीबी सिंह ने दावा किया कि जिन्गायों का इलाज चल रहा है वो खुदाई वाली जगह के पास बैठी हुई मिली थी। उन्होंने ये भी कहा कि मृत गायों को ही दफनाया गया और लोग अफवाह फैला रहे हैं। कई थानों की पुलिस घटनास्थल पर कैम्प कर रही है और लोगों को समझाने-बुझाने का काम जारी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया