हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में बनी अवैध संजौली मस्जिद को तोड़ने का काम चालू कर दिया गया है। संजौली मस्जिद को तोड़ने का काम मस्जिद की कमिटी ही कर रही है। इसी मस्जिद को लेकर शिमला में बीते लगभग 2 माह से बवाल हो रहा है। इस मस्जिद को नगर निगम के आदेश के बाद तोड़ा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संजौली मस्जिद को सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को तोड़ना चालू किया। इसको तोड़ने के लिए मस्जिद कमिटी ने हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड से अनुमति भी माँगी थी। मस्जिद कमिटी को सोमवार सुबह को ही यह आदेश मिला। बोर्ड ने कमिटी को 3 मंजिले तोड़ने का आदेश दिया है।
मस्जिद कमिटी के मुखिया मोहम्मद लतीफ़ अपनी देखरेख में यह निर्माण तुड़वा रहे हैं। सबसे पहले मस्जिद की छत हटाई जा रही है। मोहम्मद लतीफ़ का कहना है कि इस निर्माण को सिरे से हटाने में काफी समय लगेगा क्योंकि जल्दी गिराने के कमिटी के पास पैसे नहीं है।
दूसरी तरफ मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि यदि कमिटी को मस्जिद तोड़ने में कोई दिक्कत आ रही है तो वह नगर निगम को पत्र लिख कर सहायता माँग सकते हैं। संजौली मस्जिद को नगर निगम शिमला ने 5 अक्टूबर, 2024 को तोड़ने का आदेश दिया था।
यह आदेश मस्जिद कमिटी के आवेदन पर ही दिया था। इस अवैध मस्जिद का निर्माण 2010 से हो रहा था। तब से लगातार नगर निगम शिमला इसे नोटिस भेज रहा था लेकिन इसका निर्माण नहीं रोका गया और पाँच मंजिले खड़ी कर दी गईं। सितम्बर, 2024 में मस्जिद को लेकर विवाद चालू होने से पहले तक इस मस्जिद को 38 नोटिस भेजे जा चुके थे।
जब सितम्बर, 2024 में एक स्थानीय युवक के साथ मारपीट की खबर के बाद संजौली मस्जिद के विरुद्ध प्रदर्शन चालू हुए तो सब पिटारा बाहर आया। इसके बाद मस्जिद कमिटी ने विरोध प्रदर्शन बढ़ता देख इसे गिराने की बात कह दी। इसको लेकर उन्होंने खुद ही आवेदन दिया।
संजौली मस्जिद को जल्दी गिराए जाने को लेकर मुस्लिमों में दो फाड़ भी हो चुका है। 9 अक्टूबर, 2024 को मुस्लिमों के एक संगठन ने बैठक कर मस्जिद गिराए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की बात कही थी। हालाँकि, संजौली मस्जिद कमिटी ने ऐसी किसी बात से इनकार किया था।
वहीं इस मामले में जल्द कार्रवाई के लिए स्थानीय नागरिक भी हाई कोर्ट पहुँचे थे। हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त कोर्ट को इस मामले में 8 सप्ताह के भीतर फैसला लेने को कहा है। संजौली मस्जिद के अलावा मंडी मस्जिद को भी गिराए जाने का आदेश दिया गया है। हालाँकि, इस पर कार्रवाई अभी चालू नहीं हुई है।