बकरीद के लिए घर लौट रहे पश्तून मजदूरों पर पाकिस्तान ने किया हमला, कई की मौत

बकरीद के लिए घर लौट रहे थे पश्तून मजदूरों पर हमला

अफगानिस्तान सीमा पर बलूचिस्तान स्थित चमन सीमा (Chaman Border) चौकी पर पाकिस्तानी रेंजर्स की गोलीबारी में करीब 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

घटना बृहस्पतिवार (जुलाई 30, 2020) को तब घटी जब चमन-स्पिन बोल्डक सीमा पार से लगभग 150 लोग पाकिस्तानी सीमा पर एकत्र हुए। उनमें से कई ईद के लिए अफगानिस्तान में प्रियजनों से मिलने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन सीमा को बंद कर दिया गया था।

अफगान अधिकारियों ने शुक्रवार (जुलाई 31, 2020) को कहा कि पाकिस्तान ने अपनी दक्षिण-पश्चिमी सीमा पर रॉकेटों से गोलाबारी की, जिसमें कई लोगों की जानें गई हैं और 80 से अधिक लोग घायल हो गए। पाकिस्तान ने कहा कि अफगान सीमा रक्षकों ने पहले गोलीबारी की और इस हमले के लिए उन्हें दोषी ठहराया है।

बृहस्पतिवार को भारी संख्या में लोग यहाँ फ्रेंडशिप गेट पर धरने पर बैठ गए और सीमा चौकी को खोलने की माँग करने लगे। इस पर वहाँ मौजूद पाकिस्तान के कर्मचारियों ने कहा कि जब तक प्रदर्शनकारी इस जगह से नहीं चले जाते, गेट नहीं खोला जाएगा। इस बात पर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और वे फ्रेंडशिप गेट पर फ्रंटियर कोर और अन्य सरकारी एजेंसियों के कार्यालयों पर हमला करने लगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसकी प्रतिक्रिया में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाईं।

सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण अफगानिस्तान ने अपनी आर्मी और एयरफोर्स को भी हाई अलर्ट पर कर दिया है। जुलाई माह की शुरुआत में ही, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी कुनार प्रांत में रॉकेट दागे, जिसमें तीन लोग मारे गए थे।

पाकिस्तान 1893 में औपनिवेशिक काल के विभाजन को ही अंतरराष्ट्रीय सीमा मानता है, जबकि अफगानिस्तान ने कभी सीमा को मान्यता नहीं दी है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ही एक-दूसरे पर अपने दुश्मनों को शरण देने का आरोप लगाते आए हैं। पाकिस्तान का कहना है कि उसे आतंकवादियों को पार करने से रोकने के लिए बाड़ की आवश्यकता है।

पाकिस्तान का कहना है कि पाकिस्तानी विद्रोही, जैसे कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, जिसने जून में कथित तौर पर दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग पर हमला किया था, अफगानिस्तान के दक्षिणी कंधार प्रांत में छिपे हुए हैं।

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ज्ञात हो कि चमन सीमा चौकी को मार्च से ही कोरोना वायरस महामारी के चलते बंद था। बकरीद को लेकर गत बुधवार को इसे खोला गया था, ताकि दोनों तरफ के लोग अपने मूल स्थानों पर जा सकें।

पाकिस्तान में रहने वाले कई पश्तून, अफगानिस्तान में मजदूरों के रूप में काम करते हैं, काम के लिए सीमा पार करते हैं और रात में घर लौटते हैं।

सोशल मीडिया पर इस हमले की भयानक तस्वीरें शेयर की जा रही हैं और मरने वालों की संख्या के अलग-अलग दावे भी किए जा रहे हैं। तस्वीरों में हताहतों के बीच छोटे मासूम बच्चे भी देखे जा सकते हैं। लोगों ने इन तस्वीरों की तुलना सीरियाई बच्चे एलेन कुर्दी से की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया