अफगानिस्तान के बहु प्रचारित शांति समझौते पर खतरा मंडराने लगा है। अमेरिका ने तालिबानी ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए हैं। अमेरिकी सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि बीते 11 दिनों में तालिबानियों को निशाना बनाकर पहली बार हमला किया गया है। हमला दक्षिणी हेलमंद प्रांत के नाहर-ए-सराज में किया गया।
https://twitter.com/USFOR_A/status/1235116513629057025?ref_src=twsrc%5Etfwइससे पहले तालिबान के हमलों में मंगलवार रात अफगान सेना और पुलिस के कम से कम 20 कर्मियों की मौत हो गई थी। सरकारी अधिकारियों ने बुधवार को एएफपी को यह जानकारी दी। ख़ास बात यह है कि इस हमले से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि उनकी बागियों के राजनीतिक प्रमुख (तालिबान नेता मुल्ला बरदार) से ‘बहुत अच्छी’ बातचीत हुई है। ज्ञात हो कि अफगानिस्तान करीब 40 साल से हिंसाग्रस्त है। वहाँ सबसे पहले सोवियत संघ (अब रूस) की सेनाएँ रहीं और अब अमेरिकी सेना मौजूद है।
https://twitter.com/AFP/status/1235121121994801157?ref_src=twsrc%5Etfwट्रम्प की तालिबानी नेता से, अफगान सरकार और अमेरिका के बीच 29 फरवरी को हुए शांति समझौते को लागू करने पर चर्चा हुई थी। ट्रम्प ने इस बातचीत को सफल बताते हुए तालिबान को ‘गुड लक’ भी कहा था। ट्रम्प और
मुल्ला बरदार की बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी किया था। इसके मुताबिक, किसी आतंकी संगठन के नेता और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच यह पहली ऐसी चर्चा है, जिसकी सार्वजनिक पुष्टि की जा रही है। इस वार्ता के चंद घंटे बाद हुए हमले ने शांति समझौते पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।
व्हाइट हाउस की तरफ से जारी बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति ने तालिबान नेता से साफ कहा कि समझौते की सफलता के लिए हिंसा का फौरन बंद होना जरूरी है। दोनों पक्षों की बातचीत सकारात्मक रही। अमेरिका ने साफ किया है कि वो अफगानिस्तान में अमन बहाली के लिए कोशिशें जारी रखेगा।”
प्रांतीय काउंसिल के सदस्य सैफुल्लाह अमीरी ने बताया, “तालिबान के लड़ाकों ने कल रात कुंदुज जिले के इमाम साहिब जिले में सेना की कम से कम तीन चौकियों पर हमला किया। इसमें कम से कम 10 सैनिकों और चार पुलिस कर्मियों की मौत हो गई है।” विद्रोहियों ने मंगलवार रात मध्य उरूज़गन में भी पुलिस पर हमला कर दिया।