महिला जज ने जेल जाकर उस कैदी को चुम्मा लिया, जिसने मार डाला था पुलिस वाले को: वीडियो वायरल, जाँच शुरू

महिला जज द्वारा कैदी को किस करते हुए वीडियो वायरल। (साभार: ट्विटर)

अर्जेंटीना (Argentina) में पुलिसकर्मी की हत्या (Murder) के मामले में जेल में बंद एक कैदी को चुम्मा लेते हुए एक महिला जज का वीडियो वायरल हो रहा है। CCTV वीडियो के सामने आने के बाद आरोपित जज पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, इस मामले में हायर कोर्ट ने जाँच के आदेश दे दिए हैं। इस मामले को लेकर महिला न्यायधीश से पूछताछ की जा रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपित महिला जज का वीडियो वायरल होने के बाद उसके और कैदी के साथ संबंधों की समीक्षा शुरू कर दी गई है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या जज और कैदी दोनों पहले से एक-दूसरे को जानते थे? हत्या के मामले में जिस वक्त शख्स को सजा सुनाई जा रही थी, उस दौरान आरोपित महिला जज ने ही उसे आजीवन कारावास की सजा देने का विरोध किया था।

इस वीडियो को लेकर चुबुत प्रांत के हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने कहा कि उन्होंने कोमोडोरो रिवादाविया की जज मारियल सुआरेज की जाँच शुरू कर दी है। उक्त CCTV वीडियो महिला जज और कैदी क्रिस्टियन ‘माई’ बस्टोस के साथ ट्रेलेव में पेनिटेंटरी इंस्टीट्यूट (IPP) में एक साथ समय बिताने के बाद ऑनलाइन वायरल कर दिया गया था।

अदालत के अधिकारियों के मुताबिक, 29 दिसंबर 2021 को महिला जज के आपत्तिजनक व्यवहार का वीडियो सार्वजनिक हुआ था। वहीं, इस घटना को लेकर आरोपित महिला जज ने अर्जेटीना की न्यूज वेबसाइट्स टोडो नोटिसियास को दिए इंटरव्यू में इस तरह की चुबंन वाली घटना से इनकार किया है।

हत्या के आरोप में जेल में बंद है कैदी

जस्टिस मारियल सुआरेज का जिस कैदी क्रिस्टियन ‘माई’ बस्टोस को किस करने का वीडियो वायरल हो रहा है, वह साल 2009 में एक पुलिसकर्मी को गोली मारने के मामले में जेल की सजा काट रहा है। बस्टोस कोरकोवाडो में पुलिस अधिकारी लिएंड्रो रॉबर्ट्स की हत्या का दोषी पाया गया है।

दरअसल, पुलिस अधिकारी लिएंड्रो रॉबर्ट्स उसे जेल ब्रेक के मामले में गिरफ्तार करने गए थे, लेकिन मौका देखते ही उसने पुलिस अधिकारी को गोली मार दी थी। इस घटना में उनकी मौत हो गई थी। कोर्ट में जब कैदी को सजा सुनाई जा रही थी, तब जस्टिस मारियल सुआरेज दोषी को मिली आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ वोट दिया था। सुआरेज अकेली न्यायाधीश थीं, जिन्होंने इसका विरोध किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया