बांग्लादेशी वामपंथी नेता मनीषा चक्रवर्ती ने बकरीद पर 5 गायों को काटकर बाँटा गोमांस, अगले साल 30 की ‘गौ-कुर्बानी’ का वादा

मनीषा चक्रवर्ती ने ईद के मौके पर बाँटा बीफ (साभार: Facebook)

बांग्लादेशी कम्युनिस्ट राजनेता डॉ. मनीषा चक्रवर्ती और उनके कॉमरेड साथियों ने शनिवार (अगस्त 1, 2020) को बांग्लादेश के बारिसल में बकरीद के अवसर पर कथित तौर पर गोमांस वितरित किया। मनीषा चक्रवर्ती, बांग्लादेश समाजवादी दल (Bangladesh Socialist party) की बारिसल डिस्ट्रिक्ट कमेटी की सदस्य सचिव हैं।

मनीषा इस ’नेक’ इरादे के पीछे के अपने उद्देश्यों को बताने के लिए फेसबुक पर लाइव आई। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से गरीब लोग ईद का त्योहार न मनाने के लिए मजबूर थे। इसलिए उन्होंने और उनकी टीम ने यह सुनिश्चित किया कि ‘दलितों’ को पीछे न छोड़ा जाए।

लाइव के दौरान मनीषा को यह कहते हुए सुना गया, “एखना पंचति गोरू कुर्बानी दोव होयचा ओ सेत के प्रोसेस कोरा होइछे। (हमने 5 गायों की बलि दी है और मांस को परिष्कृत किया है)।”

उन्होंने कहा कि इतने कम समय के भीतर 5 गायों को मारना मुश्किल था, लेकिन उनके साथियों और स्वयंसेवकों के समूह मुश्किल काम को पूरा करने में सक्षम थे।

मनीषा ने कहा कि उसने बारिसल जिले के 30 वार्डों में से 50 ऐसे गरीब परिवारों की सूची तैयार की थी, जिन्हें पुलाव बनाने के लिए 1 किलो गोमांस और 1 किलो चावल दिया गया।

इस कार्य का श्रेय लेते हुए, मनीषा ने अपनी टीम द्वारा कड़ी मेहनत पर जोर देने के लिए गाय के मांस से भरे पैकेट की ओर कैमरे को घुमाया।

उन्होंने कहा कि उनकी टीम ईद के दिन सुबह 7 बजे से अथक प्रयास कर रही थी। जिला स्तर पर पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, “पिछले साल, हमने लगभग 5000 परिवारों को खिलाया था … हमने 5 गायों को खरीदने और उसकी बलि देने के लिए धन जुटाया। हम सभी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने ऐसा करने में हमारी मदद की।”

बांग्लादेशी राजनेता ने अपनी फ्यूचर प्लानिंग बताते हुए कहा, “अगामी कुर्बानी ते 30 टा वार्ड ई मिनिमम 30 टा गोरू कुर्बानी दिबो (अगले वर्ष, ईद पर, हम जिले के 30 वार्डों में लोगों को खिलाने के लिए कम से कम 30 गायों की बलि देंगे)।”

मीर जाफ़र का उदाहरण देते हुए, जो एक गद्दार था और पलासी की लड़ाई में बंगाल के राजा सिराजुद्दुल्ला को धोखा दिया था, उन्होंने कहा, “षड्यंत्रकारी विफल हो गए हैं। इतिहास इस बात का प्रमाण है कि जो लोग लोगों के लिए काम करते हैं वे ही सफल हो सकते हैं।”

मनीषा ने आगे कहा, “हम एक परिवार हैं। हम दुःख और खुशी एक साथ साझा करते हैं … हम शोक और उत्सव एक साथ मनाते हैं …चूँकि यहाँ हर किसी ने इसे संभव बनाने के लिए अपना समय समर्पित कर दिया, यह वास्तव में बलिदान के अर्थ को दर्शाता है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया