30 सितंबर को बांग्लादेश के चटगाँव जिले में पाटिया पुलिस स्टेशन को इस्लामी कट्टरपंथियों की गुस्साई भीड़ ने घेर लिया। कट्टरपंथियों की पुलिस से माँग थी कि वो उस हिंदू लड़के को उनके हवाले कर दे, जिसने कथित तौर पर पैगंबर की शान में गुस्ताफी की थी। इस्लामी कट्टरपंथियों की इस भीड़ में ज्यादातर स्थानीय मदरसे के छात्र शामिल थे। उन्होंने एक सेना की गाड़ियों पर भी हमला किया, क्योंकि उन्हें उसमें एक लड़का दिखाई दिया और उन्होंने उसे हिंदू युवक समझ लिया। इस हमले में बांग्लादेशी सेना का एक अधिकारी भी घायल हो गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 साल के पार्था बिस्वास पिंटू को ‘ईशनिंदा’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में कमरुल इस्लाम नाम के व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पिंटू पर फेसबुक पर पैगंबर मोहम्मद के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।
Another Utshab Mandal incident barely averted in #Bangladesh today: #Islamists in Patia, #Chattogram wanted to lynch a #Hindu boy on the trumped-up charge of insulting the Prophet. As Army took him into custody and tried to drive away, the extremists attacked the army vehicle.… pic.twitter.com/5bcqSXGBly
— Arifa Rahman Ruma (@ArifaRahmanRuma) September 30, 2024
जैसे ही हिंदू युवक की गिरफ्तारी की खबर फैली, इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गई। उन्होंने पुलिस वालों से कहा कि वो पार्था बिस्वास उर्फ पिंटू को भीड़ के हाथों में सौंप दे, ताकि वे उसे वहीं सजा दे सकें, जैसा भीड़ ने उत्सव मंडल के साथ किया था। हालाँकि, पुलिस ने उनकी माँगों के आगे झुकने से इनकार कर दिया। इस पर भीड़ ने पुलिस स्टेशन के वेटिंग रूप एरिया में तोड़फोड़ की और बांग्लादेशी सेना की गाड़ी पर हमला कर दिया, जिसमें एक अधिकारी घायल हो गया।
इस हिंसक घटना के फोटो-वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने कुल दो सेना वाहनों पर हमला किया, लेकिन वे मौके से भागने में सफल रहे। घटना के तुरंत बाद, किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए इलाके में पुलिस और सेना के जवानों की एक बड़ी टीम तैनात कर दी गई।
पाटिया सर्कल एसपी अरिफुल इस्लाम ने इस मामले पर बात करते हुए कहा, “भीड़ फेसबुक पोस्ट के कारण इकट्ठा हुई थी। हमने आरोपित को सुबह ही गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया। भीड़ कानूनी प्रक्रिया को समझे बिना उत्तेजित हो गई। हालाँकि अतिरिक्त पुलिस और सेना बल की तैनाती के बाद स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया।”
इस बीच, हिंदू युवक को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहाँ पुलिस ने उसकी आगे की पूछताछ के लिए रिमांड की माँग की। वहीं, जिस सेना अधिकारी पर हमला हुआ था, उनके हाथ में चोट आई और उन्हें पाटिया उपजिला हेल्थ सेंटर के इमर्जेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया।
उत्सव मंडल को पीट-पीट कर मार डाला
यह घटना पिछले महीने हुए एक और हमले की याद दिलाती है, जब एक हिंदू लड़के उत्सव मंडल पर मुस्लिम भीड़ ने ‘ईशनिंदा’ के आरोप में हमला किया था। 4 सितंबर को, खुलना के आजम खान गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज के छात्रों ने उत्सव मंडल को खुलना मेट्रोपॉलिटन डिप्टी कमिश्नर (साउथ) के कार्यालय में ले जाकर बंद कर दिया था।
घटना की जानकारी फैलते ही वहाँ 3000 से 5000 इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ जमा हो गई, जो हिंदू लड़के को उनके हवाले करने की माँग कर रही थी। डिप्टी पुलिस कमिश्नर ताजुल ने भीड़ को आश्वासन दिया था कि उत्सव के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और उसे कानूनी रूप से सजा दी जाएगी। लेकिन भीड़ ने उनकी बात नहीं मानी और उत्सव पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। सेना और नौसेना के जवान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचे थे।
हालाँकि, पुलिस, सेना और नौसेना बल की मौजूदगी के बावजूद, भीड़ डिप्टी कमिश्नर कार्यालय में घुस गई और उत्सव मंडल पर हमला किया। पहले माना जा रहा था कि इस हमले के बाद उसकी मौत हो गई, लेकिन आईएसपीआर ने बाद में पुष्टि की कि उत्सव मंडल जीवित है और खतरे से बाहर है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के मामले बढ़े
बांग्लादेश में हिंदुओं से घृणा के मामले हमले से सामने आते रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ समय में हिंदू मंदिरों, दुकानों और व्यवसायों पर कम से कम 205 हमले हो चुके हैं, विशेषकर शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद।
ओपइंडिया ने पहले बताया था कि कैसे खुलना के सोनाडांगा इलाके में एक मुस्लिम भीड़ ने हिंदू लड़के उत्सव मंडल को ‘ईशनिंदा’ के आरोप में लगभग मार डाला था।
यह भी खुलासा हुआ था कि मुस्लिम छात्रों ने 60 से अधिक हिंदू शिक्षकों, प्रोफेसरों और सरकारी अधिकारियों को अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया है।
हाल ही में, मानवाधिकार कार्यकर्ता और निर्वासित बांग्लादेशी ब्लॉगर असद नूर ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय को ‘जमात-ए-इस्लामी’ में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
6 सितंबर को चटगांव के कादम मुबारक इलाके में गणेश उत्सव के दौरान हिंदू भक्तों की एक शोभायात्रा पर भी हमला हुआ था।