ब्रैम्पटन के गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ की घटना को कनाडाई सांसद ने सदन में उठाया, कहा- देश में बढ़ रही हिंदूफोबिया और उससे जुड़े हमले

मंदिर पर आपत्तिजनक नारे और सांसद चंद्र आर्य (साभार: सोशल मीडिया)

कनाडा के ब्रैम्पटन शहर (Brampton, Canada) में स्थित गौरी-शंकर मंदिर (Gauri Shankar Temple) की दीवारों पर भारत विरोधी नारे लिखने की घटना का वहाँ के सांसद ने हेट क्राइम बताया है। कनाडा में भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने इस मामले को बुधवार (1 फरवरी 2023) को कनाडा की संसद में उठाया।

सांसद आर्य ने कनाडा की संसद में कहा, “कनाडा में बढ़ते हिंदूफोबिया से हिंदू कनाडाई बहुत दुखी हैं।” इसे एक ‘खतरनाक प्रवृत्ति’ बताते हुए उन्होंने कनाडा की सरकार से हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते हेट क्राइम को रोकने की अपील की। सांसद ने कहा कि हिंदूफोबिया हमले में बदल जाता है। उन्होंने इसके लिए एक अध्ययन का भी हवाला दिया।

इससे पहले मंगलवार (31 जनवरी 2023) को सासंद चंद्र आर्य ने कहा था, “ब्रैम्पटन में गौरी शंकर मंदिर पर हमला कनाडा में हिंदू और भारत विरोधी समूहों द्वारा हिंदू मंदिरों पर किए गए हमलों में सबसे नवीनतम घटना है।” उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर नफरत फैलाते-फैलाते अब बात मंदिरों पर हमले तक पहुँच गई।

टोरंटो में स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने भी गौरी शंकर मंदिर पर हमले की घटना की निंदा की। दूतावास ने कहा कि मंदिर को तोड़-फोड़ से कनाडा में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों की ‘भावनाओं को ठेस पहुँची है’।

दूतावास ने ट्वीट में लिखा, “हम ब्रैम्पटन में भारतीय विरासत के प्रतीक गौरी शंकर मंदिर को भारत विरोधी चित्रों से विकृत करने की कड़ी निंदा करते हैं। बर्बरता वाले इस घृणित कृत्य से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुँची है। हमने कनाडा के अधिकारियों के साथ इस मामले पर अपनी चिंता जताई है।”

बता दें कि सोमवार (29 जनवरी 2023) को गौरी-शंकर मंदिर की दीवारों पर खालिस्तान समर्थकों ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लिख दिए थे। इसके पीछे खालिस्तानी आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का हाथ होने का शक जताया जा रहा है। SFJ के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इससे संबंधित एक वीडियो डाला था। 

पिछले साल भी कनाडा के एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। जुलाई 2022 में रिचमंड हिल में स्थित भगवान विष्णु मंदिर में लगी महात्मा गाँधी की मूर्ति को तोड़ दिया गया था। वही, सितंबर 2022 में कनाडा के स्वामीनारायण मंदिर को खालिस्तानी हमलावरों ने भारत विरोधी चित्र मंदिर की दीवारों पर बना दी थी। 

इतना ही नहीं, जनवरी 2022 में कनाडा में 10 दिनों के अंतराल में कई मंदिरों पर हमले किए गए थे। उपद्रवी दान पेटियों से नकदी, भगवान की मूर्तियाँ और उन्हें चढ़ाए गए आभूषण भी चोरी करके ले भागे थे। इन घटनाओं के बाद से ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) में स्थित मंदिरों और वहाँ के हिंदुओं में भय का माहौल व्याप्त हो गया था।

मंदिरों को निशाना बनाने वाली ये घटनाएँ 15 जनवरी 2022 को ब्रैम्पटन में श्री हनुमान मंदिर में तोड़-फोड़ के साथ शुरू हुई थी। उसके बाद 25 जनवरी 2022 को ब्रैम्पटन में माँ चिंतपूर्णी के मंदिर को भी तोड़ दिया गया था। इसके बाद बाद गौरी शंकर मंदिर और जगन्नाथ मंदिर (दोनों ब्रैम्पटन में) पर हमला किया गया। मिसिसॉगा में हिंदू हेरिटेज सेंटर और हैमिल्टन समाज मंदिर में भी तोड़फोड़ की गई।

बता दें कि हाल में सामने आए एक पॉपुलेशन स्टैटिस्टिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दो दशकों में कनाडा की कुल आबादी में हिंदुओं की संख्या 1 प्रतिशत से बढ़कर 2.3 प्रतिशत हो गई है। लगभग 100 पहले कनाडा जाने से शुरू हुआ सफर आज भी जारी है। वहाँ हिंदुओं कि कुल आबादी 8.30 लाख है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया