जबरन नसबंदी कर उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहा चीन: ब्रिटिश ट्रिब्यूनल ने कहा- राष्ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश के बिना ये संभव नहीं

चीन उइगर मुस्लिमों का जबरन जन्म दर को रोक रहा है। (साभार: येनी सफाक)

चीन (China) में उइगर मुस्लिमों (Uighur muslims) पर सरकारी अत्याचार की लंबी कहानी है। वहाँ मुस्लिमों को सुधारने के नाम पर शेल्टर बनाए गए हैं, जिनमें उइगर लोगों को तरह-तरह की प्रताड़ना दी जाती है। इन्हें दाढ़ी रखने और कुरान पढ़ने से रोका जाता है। इसको लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की आलोचना होती रही है। अब ब्रिटेन (britain) के एक ट्रिब्यूनल ने कहा है कि चीन अपने पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों का ‘नरसंहार’ (Genocide) कर रहा है।

ब्रिटेन स्थित एक इंडिपेंडेंट ट्रिब्यूनल ने उइगर मुस्लिमों को लेकर चीन पर गंभीर आरोप लगाया है। उइगर ट्रिब्यूनल के हेड और प्रमुख मानवाधिकार वकील सर जेफ्री नाइस क्यूसी ने कहा कि चीन की सरकार उइगर मुस्लिमों की आबादी को कम करने के लिए उन पर जबरन जन्म नियंत्रण और नसबंदी नीतियों को लागू कर रही है, जो एक नरसंहार है। लंदन स्थित नागरिक स्वतंत्रता के अधिकारों के लिए बने ‘उइगर ट्रिब्यूनल’ ने इसे मुस्लिमों या दूसरे समुदायों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध करार दिया है।

मानवाधिकार वकील नाइस ने इस मामले को लेकर कहा, “न्यायाधिकरण इन तथ्यों से परिचित है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना शिनजियांग में उइगरों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को नष्ट करने के इरादे से जन्म को रोकने के उपायों को लागू करके नरसंहार किया है।” उल्लेखनीय है नाइस वही वकील हैं, जिन्होंने युद्ध अपराधों और नरसंहार पर सर्बिया के पूर्व राष्ट्रपति स्लोबोडेन मिलोसेविक के लिए अभियोजन पक्ष का नेतृत्व किया था।

ट्रिब्यूनल ने कहा कि इस तरह की योजना को सर्वोच्च स्तर पर बनाए बिना किसी देश में इस तरह का दमन नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने शिनजियांग में 300 से 400 की संख्या में शेल्टर होम बना रखे हैं। इन सुधार केंद्रों में अवैध तरीके से करीब एक मिलियन (10 लाख) उइगर मुस्लिमों को कैद किया गया है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह अपनी तरह का अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी नजरबंदी है।

उइगरों के खिलाफ हिंसा में शी जिनपिंग का हाथ

हाल ही में कुछ दस्तावेज लीक हुए थे, जिनमें इस बात का खुलासा किया गया था कि उइगर मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी पार्टी के कई बड़े नेता सीधे तौर पर शामिल हैं। कम्युनिस्ट पार्टी का बहुत ही सीक्रेट 317 पन्नों का दस्तावेज लीक हुआ था। इससे पता चला कि 2013-14 में चीन में हुए आतंकी हमलों के आरोप उइगर मुस्लिमों पर लगाए गए, जिसके बाद मुस्लिमों पर अत्याचार का निर्णय लिया गया।

शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों पर क्रूरता की जिम्मेदारी कम्युनिस्ट नेता चेंग कांगो को दी गई थी। उन्होंने 2017 के एक भाषण में कहा था कि जिन्हें घेरने की जरूरत है, उन्हें घेरा ही जाना चाहिए। उइगर मुस्लिमों को कैंप में भेजे जाने के फैसले को इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। एक अन्य भाषण में शी जिनपिंग ने कट्टरवाद को ज़हर बताते हुए कहा था कि बुराई को हटाने और ठीक करने के लिए सही दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया