हलाल सर्टिफाइड रूह अफ़ज़ा बेचने वाली हमदर्द लैबोरेट्रीज की धोखाधड़ी, स्वास्थ्य खतरों की जानकारी छुपाकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़: रिपोर्ट

रूह अफ़ज़ा पर गंभीर आरोप (फोटो साभार : Dhaka Times)

जिस हमदर्द लैबोरेट्रीज की ‘रूह अफ़ज़ा’ को लोग बड़े चाव से पीते हैं, और उसके भारत-पाकिस्तान-बांग्लादेश समेत करोड़ों प्रशंसक हैं, वो रूह अफ़ज़ा बनाने वाली कंपनी हमदर्दी मक्कार और झूठी निकली। रिपोर्ट्स का दावा है कि हमदर्द लैबोरेट्रीज ने रूह अफ़ज़ा के नाम पर लोगों को केमिकल पिलाया है। वहीं, हमदर्द दावा करती है कि रूह अफ़ज़ा को बनाने में 36 तरह के फलों का इस्तेमाल होता है और 13 अन्य हर्बल पदार्थ मिलाए जाते हैं। रूह अफ़ज़ा को बनाने वाली हमदर्द लैबोरेट्रीज की चोरी पकड़ी गई है, तो उस पर जुर्माना भी लगाया गया है। उसके खेल को पकड़ने वाले अफसर को ही खरीदने की कोशिश की गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन (डीएससीसी) ने अपनी रिपोर्ट में पाया है कि हमदर्द झूठे दावे करके लोगों को बेवकूफ बना रही है और उनका मानसिक-भावनात्मक दोहन कर रही है। चूँकि हमदर्द लैबोरेट्रीज रूह अफ़ज़ा को ‘पौष्टिक पेय’ कहकर प्रचारित करता है और दावा करता है कि इसके सेवन से शरीर में पानी की कमीं नहीं होने पाती, क्योंकि इसमें 13 हर्बल दवाओं का मिश्रण और 36 तरह के फल-फूल का अर्क (जूस) मिला होता है।

ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन ने कहा है कि कूलिंग ड्रिंक में बताई गई सामग्री मौजूद नहीं है। इसके अलावा रिपोर्ट में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि रूह अफ़ज़ा बड़ी संख्या में लोगों खासकर शुगर के मरीजों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है। दरअसल डीएससीसी ने बाजार से रूह अफ़ज़ा के सैंपल कलेक्ट किए थे, जिसकी जाँच के बाद ये तथ्य सामने आए हैं।

वीकलीब्लिट्ज की रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश में हमदर्द के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ हकीम मुहम्मद यूसुफ हारून भुइयाँ ने रूह अफ़ज़ा के फर्जी विज्ञापन के लिए लिखित में माफी माँगी है। हमदर्द की ये माफी उन आरोपों के बीच सामने आई है, जब हमदर्द लैबोरेट्रीज (वक्फ) बांग्लादेश ने इस विवाद से लोगों का ध्यान खींचने के लिए ढाका में अधिकारिकों को रिश्वत देने की कोशिश कीष इसके बाद नगर निगम के अधिकारियों ने 20 फरवरी को बांग्लादेश के भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एंटी करप्शन कमीशन-एसीसी) और खाद्य निदेशालय (फूड डायरेक्टोरेट) में शिकायत दर्ज कराई है।

बांग्लादेशी वेबसाइट कालबेला ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि ढाका के अधिकारियों ने सैंपल की जाँच लैब में कराई। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2028 में ढाका सिटी कॉर्पोरेशन ने फर्जीवाड़ा मिलने के सबूत मिलने के बाद हमदर्द के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस मामले में हमदर्द के मैनेजिंग डायरेक्टर ने अपनी गलती मानी और 4 लाख का जुर्माना चुकाया।

हालाँकि कंपनी ने इसके खिलाफ अपील दायर की, जिसके बाद अदालत ने जुर्माने की रकम जमा करने से छूट दे दी। इसके बाद नगर निगम ने 19 फरवरी को सेफ फूड अथॉरिटी को पत्र लिखा। हालाँकि हमदर्द ने अधिकारिकों को अपील करने से रोकने की कोशिश की और एक अदिकारी ने निगम के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की।

कालबेला ने दावा किया है कि उसके पास एक वीडियो है, जिसमें हमदर्द के असिस्टेंट डायरेक्टर अली अहमद सिटी कॉर्पोरेशन के सेफ फूड इंस्पेक्टर मोहम्मद कमरूल हसन से उस अपील को आगे न बढ़ाने की अपील करते दिख रहे हैं। इसके लिए वो पैसे देने की बात भी कर रहे हैं। वीडियो में हमदर्द के अधिकारी को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है, ‘रूह अफजा में जो है उससे कहीं ज्यादा हम कहते हैं।’

सिविक अधिकारी कमरुल हसन ने बांग्लादेशी अखबार को बताया कि हमदर्द शुरू से ही गलत काम करता रहा है। उन्होंने कहा कि एक अदालत में दोष स्वीकार करना और उस फैसले के खिलाफ दूसरी अदालत में अपील करना भी गलत और अनैतिक है। इस मामले में अब ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन के सीईओ ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग से कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया