पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने देश को सम्बोधित करते समय ऐसे-ऐसे बयान दिए, जो भारत में एक ख़ास वर्ग द्वारा बार-बार दुहराए जाते हैं। उनके बयान में कुछ भी नया नहीं था। हाँ, इस्लामिक देशों द्वारा भारत को समर्थन दिए जाने से वह ख़फ़ा और निराश दिखे। उनके बयान में वही आरएसएस, भाजपा, नेहरू और गाँधी थे। पाक पीएम ने कहा कि उनका देश कुरानशरीफ में विश्वास रखता है जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसकी उलटी विचारधारा पर चलता है।
महात्मा गाँधी की हत्या के लिए भी इमरान ख़ान ने आरएसएस को ज़िम्मेदार ठहराया। हालाँकि, उनका यह बयान तथ्यों से परे है क्योंकि संघ का राष्ट्रपिता की हत्या में कोई रोल नहीं था। भारत में ‘गिरोह विशेष’ के कई लोग भी यही रोना रोते हैं। इसके बाद उन्होंने संघ के बारे में कई झूठे दावे किए। इमरान ने कहा कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद संघ की पकड़ मजबूत होती चली गई। जबकि, सच्चाई यह है कि आजादी से पहले भी संघ के कैडर ने अंग्रेजों से लोहा लिया था, जिस कारण ब्रिटिशर्स ने उसे प्रतिबंधित कर दिया था।
https://twitter.com/htTweets/status/1165971796803215361?ref_src=twsrc%5Etfwइमरान ख़ान ने दावा किया कि संघ हिन्दुओं के अलावा बाकी सभी लोगों को दोयम दर्जे का नागरिक मानता है। उन्होंने यह भी झूठ बोला कि पिछली सरकारों ने आरएसएस को ‘आतंकवादी संगठन’ मान कर प्रतिबंधित कर दिया था। कुल मिला कर देखें तो राष्ट्र को सम्बोधित करने के नाम पर इमरान ने पाकिस्तान की कूटनीतिक खामियों को छिपाने के लिए संघ और भाजपा को जम कर गालियाँ दी। उन्होंने दावा किया कि पीएम मोदी ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा कर ‘बहुत बड़ी ग़लती’ कर दी है और ‘कश्मीर की आज़ादी’ के लिए रास्ते खोल दिए हैं।
इमरान ख़ान ने कहा कि पश्चिमी मीडिया भारत की आलोचना कर रहा है। यह अजीब है कि कूटनीतिक स्तर पर पूरी तरह फेल हो चुका एक देश का मुखिया मीडिया रिपोर्ट्स में ही अपनी ख़ुशी ढूँढ रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि वैश्विक संस्थाएँ शक्तिशाली का ही साथ देती हैं लेकिन आज 125 करोड़ मुस्लिम यूएन की तरफ देख रहे हैं। यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि पाकिस्तान की जनसंख्या 20 करोड़ के क़रीब है। ऐसे में इमरान अपने आप को 105 करोड़ अतिरिक्त लोगों का नुमाइंदा किस आधार पर बता रहे हैं, यह कहना मुश्किल है।
https://twitter.com/The_Nation/status/1165977802245582848?ref_src=twsrc%5Etfwइतना ही नहीं, इमरान ने ख़ुद को कश्मीर की जनता का प्रतिनिधि भी घोषित कर डाला। उन्होंने वैश्विक समुदाय को धमकी देते हुए कहा कि अगर परमाणु युद्ध हुआ तो कोई नहीं जीतेगा लेकिन दुनिया को इसके दुष्प्रभाव झेलने पड़ेंगे। कश्मीर पर पाकिस्तान की कूटनीतिक जीत का दावा करते हुए इमरान ने कहा कि वे इस मसले के अंतरराष्ट्रीयकरण में सफल रहे हैं। इमरान ख़ान का यह सम्बोधन झूठ, विरोधाभासी, खोटी धमकियों और बहानों से भरा पड़ा है।