श्री लंका में बढ़ रहा पाकिस्तानी आतंकी संगठनों का प्रभाव, भारत ने कई बार किया था आगाह

श्री लंका में ब्लास्ट्स के बाद का नज़ारा

श्री लंका में हुए बम धमकों में वहाँ के चर्चों को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया और इसमें 300 के क़रीब लोगों की जानें गईं। इन वीभत्स हमलों में 500 से भी अधिक लोग अभी भी घायल हैं और कुछ गिरफ्तारियाँ भी हुई हैं। दूसरी तरफ़ लगातार सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रशासन ने उचित सतर्कता नहीं बरती या फिर इंटेलिजेंस इनपुट की तरफ़ ठीक से ध्यान नहीं दिया गया? प्रारंभिक जाँच में इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकी संगठन का हाथ सामने आ रहा है और ये दिखाता है कि श्री लंका में भी वैश्विक आतंकी संगठन आईएस अपना पाँव पसार रहा है। अब ख़बर आई है कि भारत ने श्री लंका को ऐसे किसी संभावित हमले की आशंका को लेकर पहले ही आगाह किया था। भारत ने श्री लंका को कई बार आगाह करते हुए कहा था कि नेशनल तौहीद जमात से जुड़े कई लोग पाकिस्तान में सक्रिय हैं।

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भारत ने श्री लंका को आगाह किया था कि राष्ट्र का पूर्वी प्रदेश लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूँखार पाकिस्तानी आतंकी संगठनों के लिए एक ऑपरेशनल जोन बनता जा रहा है। इस्लामिक कट्टरपंथ और जिहाद के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी भारत ने श्री लंका को चेतावनी दी थी। लश्कर के चैरिटी समूह फलाह-ए-इंसानियत ने 2016 में ही दावा किया था कि अफ़ग़ानिस्तान, सीरिया और श्री लंका सहित कई देशों में उसकी उपस्थिति है। लश्कर के एक अन्य चैरिटी विंग इदारा ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ के भी यहाँ तौहीद के साथ मिलकर काम करने की बात सामने आई थी। 2004 में श्री लंका और मालदीव में सुनामी आने के बाद ये संगठन बचाव कार्यों में काफ़ी सक्रिय रहा था और उसके बाद इसने धीरे-धीरे वहाँ पैठ बनानी शुरू कर दी।

लश्कर लगातार भारत को चारों ओर से घेरने की कोशिश में पड़ोसी देशों में अपना आधार मज़बूत करने के लिए बेस कैम्प बनाता रहा है। श्री लंका में भी उसने ऐसा ही किया। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि लश्कर के इन प्रयासों से स्थानीय आतंकी संगठन तोहीद को मदद मिली हो। तोहीद द्वारा तमिलनाडु में भी कट्टरपंथी अभियान चलाए जाने की सूचना है। भारत ने 4 अप्रैल को भी ऐसे किसी संभावित हमले को लेकर श्री लंका को आगाह किया था लेकिन द्वीपीय देश ने भारत की चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर दिया। श्री लंकाई विशेषज्ञ अमरनाथ अमरसिंगम ने अंदेशा जताया है कि ये हमला स्थानीय संगठन द्वारा बिना किसी बाहरी मदद के किया गया लगता है।

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आपको बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा और श्री लंका को सालों तक सिविल वॉर में घेरे रखने वाले लिट्टे के बीच 1992 से ही सम्बन्ध स्थापित हो गए थे। उस दौरान लिट्टे ने कुछ मुस्लिम कट्टरवादियों को हथियारों की सप्लाई की थी। इसमें से कुछ हथियार अभी भी मौजूद हैं। चेन्नई में अमेरिकी उच्चायोग को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे आतंकी साकिर हुसैन को गिरफ़्तार किया गया। आईएसआई एजेंट साकिर कोलंबो में पाकिस्तानी विदेश सेवा के अधिकारी आमिर सिद्दीकी के कहने से काम करता था। अब तक दर्जनों श्री लंकाई युवाओं द्वारा आईएस जॉइन करने की ख़बर आ चुकी हैं। मालदीव के भी 50 से भी अधिक युवाओं को पाकिस्तानी आतंकी कैम्पों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ऐसा वहाँ की एजेंसियों ने सूचना दी है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया