‘मुस्लिम होने के कारण पाकिस्तान चुना, पर यह दादा-दादी की सबसे बड़ी गलती’: अली ने तिरंगा लहराकर साझा किया दर्द

शायन अली ने पाकिस्तान चुनने के पुरखों के फैसले पर जताया अफसोस (फोटो साभार: @ShayaanAlii)

पाकिस्तान के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मोहम्मद शायन अली (Shayan Ali) को अपना मुल्क छोड़ना पड़ा है। पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर नाचने से इनकार करने के बाद उन्हें अपनी हत्या का डर सता रहा था। सोशल मीडिया के जरिए वे लगातार अपना दर्द साझा कर रहे हैं। ऐसे ही एक पोस्ट में उन्होंने कहा है उनके दादा-दादी ने भारत की जगह पाकिस्तान को चुनकर सबसे बड़ी गलती की थी।

शायन ने ट्विटर लिखा है, “दुनिया में ‘पाकिस्तान’ जैसी कोई चीज ही नहीं है। पाकिस्तान की स्‍थापना मजहब के आधार पर की गई थी न कि इसलिए कि दुनिया को इसकी जरूरत थी। मेरे दादा-दादी ने भारत के बजाय पाकिस्तान को सिर्फ इसलिए चुना क्योंकि वे मुसलमान थे। पाकिस्तान जाना मेरे दादा-दादी की सबसे बड़ी गलती थी।”

इस पोस्ट के साथ शायन ने तिरंगे के साथ अपनी तस्वीर भी साझा की है। लिखा है, “यदि मैं पाकिस्तान के बजाय भारत में होता तो मुझे सुरक्षा मसलों की वजह से अपना देश नहीं छोड़ना पड़ता। मुसलमान और हिंदू कभी दुश्मन नहीं थे। कुछ असामाजिक लोग थे जो इन दोनों समुदायों को अलग करना चाहते थे। कुछ बाहरी ताकतें ‘अखंड भारत’ को देखकर डर गईं। दुर्भाग्य से, वे एक सुंदर और शायद सबसे शक्तिशाली राष्ट्र को विभाजित करने में सफल भी रहीं।”

शायन ने देश के तौर पर भी पाकिस्तान के अस्तित्व को खारिज कर दिया है। कहा है कि एक देश की अपनी संस्कृति होती है। लेकिन 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्‍तान की पूरी संस्‍कृति सिर्फ भारतीय संस्कृति की नकल थी। जिन्होंने जमीन के टुकड़े किए उनमें अपनी संस्कृति का निर्माण की काबिलियत नहीं थी। वे सिर्फ हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच द्वेष फैलाना चाहते थे।

शायन अली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैन हैं। हनुमान चालीसा भी उन्हें कंठस्थ है। इससे पहले उन्होंने ट्विटर पर ‘पाकिस्तान छोड़ने की मेरी कहानी’ शीर्षक से एक पोस्ट साझा कर अपनी आपबीती बताई थी। इसमें उन्होंने कहा था, “मैंने पाक आर्मी के पीआर विंग के कश्मीर से संबंधित एक म्यूजिक वीडियो (भारत के खिलाफ नफरत वाला) में जब काम करने से मना कर दिया तो उन्होंने मुझ पर मेरे सुनहरे बालों के कारण भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का जासूस और यहूदी एजेंट होने का आरोप लगाया। मैं भाग्यशाली था कि मैंने पाकिस्तान को सुरक्षित छोड़ दिया, लेकिन फिर भी आतंकवादी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के खिलाफ मेरा संघर्ष कभी समाप्त नहीं हुआ।”

दादा जी ने वाट लगा दी

पाकिस्तान चुनने के अपने पुरखों के फैसले पर अफसोस जताने वाला शायन अली अकेले नहीं हैं। हाल ही में पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी (Arzoo Kazmi) ने भारत छोड़ पाकिस्तान में बसने के पूर्वजों के फैसले पर अफसोस जताते हुए कहा था कि दादा जी ने वाट लगा दी। अपने ट्वीट में काजमी ने कहा था, “मेरे भाइयों और परिवार के अन्य सदस्यों को लगता है कि उनका पाकिस्तान में कोई भविष्य नहीं है। मेरे दादाजी और उनका परिवार बेहतर भविष्य के लिए प्रयागराज और दिल्ली से पाकिस्तान चला आया था। वाट लगा दी दादा जी।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया