ईरान ने ‘ग़लती’ से अपने ही 82 लोगों को मार डाला, निराश जनरल ने कहा- मुझे भी मर जाना चाहिए

ईरान के मिसाइल हमले के बाद दुर्घटनाग्रस्त प्लेन और ईरानी कमांडर

ईरान की एक ग़लती से यूक्रेन इंटरनेशल एयरलाइंस में सवार 176 लोग पलक झपकते ही काल के गाल में समा गए। इस घटना ने उन सभी देशों के नागरिकों को हिला कर रख दिया, जिन देशों के नागरिक इस विमान में सवार थे। घटना की जिम्मेदारी लेने के बाद उसे एक मानवीय भूल बताने वाले ईरान के ही जनरल ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि “मुझे भी मर जाना चाहिए।”

अमेरिका द्वारा ईरानी कमांडर सुलेमानी को मौत के घाट उतारने के बाद ईरान के नागरिकों में अमेरिका और ट्रंप के प्रति भारी गुस्सा था। लोग सड़कों पर उतरकर ईरान के राष्ट्रपति से अमेरिका को सबक सिखाने की माँग कर रहे थे। इस पर ईरान के राष्ट्रपति ने अपने नागरिकों को भरोसा दिलाया था कि वह इसका बदला ज़रूर लेगा और उसने अमेरिकी बेस कैम्पों को निशाना बनाते हुए मिसाइल दागे।

लेकिन, इस दौरान एक ग़लती से यूक्रेन का विमान हादसे का शिकार हो गया। जो लोग ईरान में अमेरिका के ख़िलाफ सड़कों पर उतरकर कार्रवाई की माँग कर रहे थे, वही ईरान के नागरिक विमान हादसे के बाद अपने ही राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर गए। वो सुप्रीम लीडर खामनेई से इस्तीफे की माँग करने लगे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी है कि ईरान के प्रदर्शनकारियों पर वहाँ की सरकार कोई अत्याचार न करे।

दरअसल यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस का एक विमान अचानक से क्रैश हो गया, जिसमें एक-दो नहीं बल्कि 176 लोग पलभर में मौत के मुँह में चले गए। इस घटना पर हर किसी ने दुःख जताया और घटना में पीड़ित देशों ने मामले की जाँच करने की भी माँग की थी। घटना के समय से ही सवालों के घेरे में खड़ा ईरान इस बात से साफ़ इनकार करता रहा कि इस घटना में उसका हाथ है। लेकिन, कुछ ही समय में हकीक़त सभी के सामने आ गई। इसके बाद ख़ुद ईरान के राष्ट्रपति रुहानी ने स्वीकार कर लिया कि एक मानवीय भूल से मिसाइल ग़लत दिशा में चली गई, जिससे विमान हादसे का शिकार हो गया।

इसके बाद ईरान के रेवॉल्यूशनरी गार्ड के कमांडर जनरल आमिर अली हाजीजादेह ने भी हमले की जिम्मेदारी लेते हुए घटना पर गहरा दुःख प्रकट किया। उन्होंने कहा-“ख़बर सुनकर मुझे लगा कि मुझे भी मर जाना चाहिएयह बात उन्होंने ईरान के स्टेट टीवी को दिए एक बयान में कही। हालाँकि, ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामनेई ने मामले में जाँच के आदेश दिए हैं।

वहीं यूक्रेन के प्रधानमंत्री वोलोडाईमिर जेलेंस्की ने ईरान से हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों को सज़ा देने की माँग की है। यूक्रेन ने कहा कि इसमें मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने ईरान सरकार से आधिकारिक तौर पर भी मांफ़ी माँगने को भी कहा है।

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दरअसल, 8 जनवरी को यूक्रेन की राजधानी कीव जा रहे विमान में 176 लोग सवार थे, जो कि ईरान द्वारा दागी गई एक मिसाइल का शिकार हो गया था। ईरान द्वारा गिराए गए इस विमान में सबसे ज्यादा ईरान के ही नागरिक मौजूद थे। इस हादसे में ईरान के 82, कनाडा के 63, यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के 4 जबकि जर्मनी और ब्रिटेन के 3-3 यात्री मारे गए थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया