‘हम हिंदू नरमी दिखा थक चुके हैं… बहुत हुआ’: ऑक्सफोर्ड के हिंदूफोबिक अभिजीत सरकार पर कार्रवाई को लेकर कैंपेन

ऑक्सफोर्ड के हिंदूफोबिक फैकल्टी सदस्य अभिजीत सरकार

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के हिंदूफोबिक फैकल्टी मेंबर अभिजीत सरकार के खिलाफ़ सोशल मीडिया पर अभियान शुरू किया गया है। इसके जरिए नेटिजन्स अभिजीत के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग यूनिवर्सिटी से कर रहे हैं। ब्रिटेन के हिंदुओं ने एक ऑनलाइन पिटिशन साइन करवाने की भी शुरुआत की है। इस पर खबर लिखे जाने तक 29,078 यूजर हस्ताक्षर कर चुके थे।

पिटिशन में अभिजीत के तमाम उन ट्विट्स का जिक्र है जिनमें उसने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से हिंदुओं को निशाना बनाया है। कैंपने से जुड़े लोगों का कहना है कि जब तक यूनिवर्सिटी कोई एक्शन नहीं लेती है तब तक वह शांत नहीं बैठेंगे। यूनिवर्सिटी की बिना किसी देरी के सरकार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

https://twitter.com/davidfrawleyved/status/1374684803568697345?ref_src=twsrc%5Etfw

ब्रितानी हिंदुओं द्वारा उठाई गई माँग में हिंदुओं की सहिष्णुता पर बात रखी गई है। इसमें लिखा है,

“हम प्रेम और शांति से रहने वाले लोग हैं जिन्होंने गाँधी के शांति विचार, योगा, आध्यात्म,सचेतन जैसी चीजें विश्व को दीं। हमने सदियों तक आतताइयों के आक्रमण के बावजूद किसी को तलवार और मिशनरी के बल पर धर्मपरिवर्तन करने को नहीं कहा। हमने किसी को न डराया, न धमकाया। हिंदुत्व एक धर्म और आस्था से ज्यादा जीने का मार्ग है। अब यही मार्ग अभिजीत सरकार जैसे लोगों के कारण खतरे में है जो ये भूल गए हैं कि उनकी बुद्धिजीवियों जैसी उदारता और स्वतंत्र सोच का कितना श्रेय उनके बंगाली (हिंदू) माता-पिता को जाता है। हम हिंदू समुदाय के लोग नरमी दिखा थक चुके हैं। कोई भी हम पर निशाना साध लेता है। हम इस तरह के नस्लीय हमलों को नहीं झेलेंगे। अब बहुत हुआ। सरकार को ये नफरतें पाकिस्तान के मुस्लिमों के ख़िलाफ़ दिखानी चाहिए, तब हम देखेंगे कि कैसे वह फतवों का सामना करता है।”

बता दें अभिजीत के कुछ विवादित ट्वीट्स और लेखों को लेकर हिंदुओं की माँग है कि उसके विरुद्ध कार्रवाई हो। यूनिवर्सिटी उससे सारे अधिकार छीनकर निलंबित करे। उसके ख़िलाफ़ जाँच हो और जाँच पूरी तक उसे कोई ड्यूटी न दी जाए। इसके साथ यूनिवर्सिटी उन ट्रोलर्स की भी पहचान करे जो उनके स्टाफ का हिस्सा है और हिंदुओं खासकर ब्रितानी हिंदुओं के ख़िलाफ़ नफरत फैला रहे हैं।

हिंदुओं द्वारा यूनिवर्सिटी को लिखे पत्र में प्रशासन को आगाह किया गया है कि ऐसे सदस्यों की वजह से पूरी यूनिवर्सिटी बदनाम हो रही है। पत्र के मुताबिक सरकार पॉलिटिकल मोटिवेटिड आर्टिकल में अपनी घटिया बातें रखता है और सोशल मीडिया पर भी उसकी घृणा साफ दिखती है। पत्र में सरकार की उस थीसिस पर भी सवाल उठाए गए हैं जिसमें उसने बंगाल में पड़े सूखे के समय ‘जाति आयामों’ पर काम किया है। पत्र के मुताबिक लोग जानना चाहते हैं कि ब्रिटिश काल में हुई इस घटना पर सरकार ने 100 साल बाद काम करना क्यों चुना, वो भी जाति के एंगल से।

पत्र में लिखा गया है कि कैसे अभिजीत न केवल भारतीय सरकार पर, बल्कि हिंदू और हिंदू समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करते आए हैं। एक आर्टिकल में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को हिंदू महासभा और भक्तों के डैडी लिखा था। 

इसके बाद 13 मर्च 2021 को ही एक पोस्ट में बताया था कि हिंदुत्व के ठेकेदार मुस्लिम लड़के को मार रहे हैं। 2 फरवरी को सरकार ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर ट्वीट किया था। ब्रितानी हिंदुओं ने इनका हवाला देते हुए यूनिवर्सिटी से सवाल किया है कि उनके स्टाफ का ये कौन सा तरीका है? क्या ऐसे स्टाफ को झेलने का मतलब ये समझ लिया जाए कि विश्विद्यालय भी भाजपा विरोधी विचारों को बढ़ावा देता है।

एक अन्य विवादित ट्वीट का पत्र में जिक्र है जिसे सरकार द्वारा अब डिलीट किया जा चुका है, उस ट्वीट में मोदी सरकार के ख़िलाफ़ किसी को मिलिट्री स्ट्राइक करने की बात कही थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अस्पताल में भर्ती होने पर भी सरकार ने भारतीय नेता और उनके समर्थकों का मजाक उड़ाया था। 25 अप्रैल 2020 के एक ट्वीट में उन्होंने लोकतांत्रिक भारत को ब्रिटिश राज कहा था।

बता दें कि अभिजीत सरकार पिछले दिनों रश्मि सामंत केस के बाद चर्चा में आए थे। उन्होंने पिछले दिनों एक ऐसे हिंदू विरोधी अभियान का नेतृत्व किया जिसके कारण स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष रश्मि को इस्तीफा देना पड़ा था। इस पत्र में रश्मि के साथ हुए नस्लीय भेदभाव का भी जिक्र है। बताया गया है कि कैसे सरकार ने रश्मि के माता-पिता की फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी थी।

सरकार ने अपने एक ट्वीट में ये तक कहा था कि देसी हिंदू 1857 के बाद से एक इंच आगे नहीं बढ़े हैं। उसने सरस्वती पूजा के अवसर पर लिखा था कि कैसे वह बचपन से ही तमाम सरस्वती प्रतिमाएँ तोड़ा करता था।

गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को लिखे गए इस पत्र में अभिजीत सरकार के तमाम ट्विट्स का जिक्र है जिनसे पता चलता है कि वह लंबे समय से हिंदू विरोधी और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा फैलाने में फ्रंट पर रहा। उसने न हिंदुओं के ख़िलाफ़ घृणा दिखाई बल्कि भारत के विरुद्ध बोला और कंगना रनौत व पायल घोष जैसी स्त्रियों के प्रति अपनी कुंठा जाहिर की जिन्होंने बहादुरी से बॉलीवुड के काले सच को उजागर किया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया